डीन, अधीक्षक, नर्सिंग आफीसर घमासान में एसोसिएट प्रोफेसर की एंट्री, ग्वालियर-भोपाल तक लिखित शिकायत

ग्वालियर29जुलाई2023।ग्वालियर के जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ अक्षय निगम, जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आरकेएस धाकड, डॉ देवेंद्र कुशवाह और नर्सिंग आफिसर पूनम सरनकर के बीच चल रहे घमासान में एक नई एंट्री हो गई है ये एंट्री एसोसिएसट प्रोफेसर डॉ जेएस नामधारी की बताई जा रही है। एक शिकायत में कहा जा रहा है कि मेडीकल कॉलेज और जयारोग्य अस्पताल समूह के प्रशासनिसक अधिकारियों को डॉ. नामधारी का संरक्षण प्राप्त है इसलिए उन पर कोई एक्शन नही हो रहा है इस बारे में बाकायदा एक लिखित शिकायत संभागीय आयुक्त को की गई है और उसकी कॉपी मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव और आयुक्त चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजी गई है।

दरअसल जयारोग्य अस्पताल समूह में कार्यरत नर्सिग आफिसर पूनम सरनकर ने 25 जुलाई को एक लिखित शिकायत संभागीय आयुक्त को भेजी है। जिसमें कहा गया है उन्हे सामूहिक रूप से आर्थिक, मानसिक, सामाजिक रूप से कार्यस्थल पर क्षति पहुंचाने की शिकायतें मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग से संबंधित समस्त वरिष्ठ अधिकारियों को लिखित रूप से की गई है लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नही की गई।

नर्सिंग आफीसर पूनम सरनकर ने शिकायत में जीआर मेडीकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नामधारी के नाम का उल्लेख भी करते हुए लिखा है कि चल रहे विवादों के बीच करीब 3-4 माह पहले डॉ नामधारी ने अपने घर पर बुलाकर मुझसे गंगाजल उठाकर सारी बात सही बोलने को कहा था मैनें वो किया, लेकिन उसके बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई है

सरनकर ने शिकायत में लिखा है कि मुझे विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि डॉ जेएस नामधारी का इन अधिकारियों को संरक्षण प्राप्त है डॉ नामधारी का संघ में बडा पद होने के चलते उनका मार्गदर्शन और सलाह सर्वोपरि मानी जाती है पर मेरे केस में डॉ नामधारी द्वारा पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है। मेरे द्वारा पूर्ण वस्तुस्थिति से अवगत कराने के बाद भी मुझे लगता है कि डॉ धाकड सर का डॉ नामधारी सर पर विशेष प्रभाव है जिसके कारण मेरे आवेदनों पर सुनवाई नही की जा रही है। इस मामले में नर्सिग आफीसर ने संभागीय आयुक्त से डॉ निगम, डॉ धाकड और डॉ देवेंद्र कुशवाह पर कार्यवाही की मांग की है।

इनका कहना है

‘’मुझे लगातार परेशान प्रताडित किया जा रहा है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नही हुई है। मार्च या अप्रैल में जब ये घटनाएं हो रही थी तब डॉ नामधारी ने मुझे अपने घर पर बुलाया था मेरे साथ नर्सिग एसोसिएशन के करीब  6-7 अन्य सदस्य भी थे तब उन्होने मुझसे कहा कि गंगाजल उठाकर सारी बातें सच सच बताओ, मैनें गंगाजल उठाया, सबकुछ बताया, लेकिन हुआ कुछ नही। मुझे पता चला था कि मेडीकल कॉलेज और जयारोग्य अस्पताल में नामधारी सर का बहुत ज्यादा प्रभाव है यहां कुछ भी करने से पहले ऊपर से भी उनसे सलाह और जानकारी ली जाती है वो संघ में बडे पद पर है तो उनकी सुनी जाती है। लेकिन अब मुझे लगता है कि मुझे प्रताडित करने वालों को नामधारी सर की तरफ से ही हरी झंडी है तभी इस मामले में अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है न हो रही है। अब मैनें इस मामले की लिखित शिकायत की है।‘’

पूनम सरनकर, नर्सिंग आफीसर, जयारोग्य अस्पताल समूह

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