जीवाजी यूनिवर्सिटी में लाइब्रेरी आटोमेशन एंड डिजीटाइजेशन पर कार्यशाला शुरू

ग्वालियर18सितंबर2023। जेयू के सीआईएफ विभाग में “नेशनल सेमिनार कम हैंड्स ऑन प्रैक्टिस ऑन लाइब्रेरी ऑटोमेशन एंड डिजीटाइजेशन सॉफ्टवेयर विषय पर होने वाले सात दिवसीय सेमिनार का शुभारंभ किया गया। सेमिनार का शुभारंभ राजा राममोहन राय लाइब्रेरी फाउंडेशन के महानिदेशक प्रो.अजय प्रताप के मुख्य आतिथ्य में हुआ। अध्यक्षता जेयू के प्रभारी कुलपति प्रो.मुकुल तेलंग ने की।मुख्य वक्ता के रूप में एनआईसी के वरिष्ठ तकनीकी निदेशक राम कुमार मटोरिया विशिष्ट अतिथि के रूप में जेयू के कुलसचिव अरूण चौहान व एनआईसी के सह निदेशक जितेंद्र पाराशर उपस्थित थे।कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्जविलत कर किया। तत्पश्चात प्रो.जेएन गौतम द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रो.अजय प्रताप सिंह ने कहा कि नई शिक्षा नीति ने बदलाव का काम किया है जिससे रीजनल भाषा को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि हमें समय के अनुरूप बदलाव करना चाहिए। कोई भी नई सोसायटी स्थापित होती है तो उसके साथ यह भी देखा जाता है कि सूचना से कैसे कनेक्ट किया जाए। ग्रामीण स्तर पर कैसे लाइब्रेरी को बढ़ावा दिया जाए इस पर ध्यान देना चाहिए।बुक प्रमोशन पॉलिसी लाई जाएगी।समय बदल रहा है हमें पुस्तकालय को नई दिशा देने के बारे में सोचना चाहिए। सामान्य पुस्तकालयाध्यक्ष बनाने की बजाय विशेष पुस्तकालयाध्यक्ष बनाने पर ध्यान देना चाहिए।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे जेयू के प्रभारी कुलपति प्रो.मुकुल तेलंग ने कहा कि वर्तमान समय में हम ऑटोमेशन में काफी आगे बढ़ चुके हैं। वर्तमान में ई लाइब्रेरी में काफी पुस्तक उपलब्ध हैं।छात्र लाइब्रेरी से दूर होते जा रहे हैं उन्हें लाइब्रेरी की ओर लाने की आवश्यकता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कुलसचिव अरूण चौहान ने कहा कि हिंदी को महत्व दिया जाना चाहिए।समय के अनुसार बदलाव आवश्यक है।

जितेंद्र पाराशर ने कहा कि समय के परिवर्तन साथ हमको भी परिवर्तन करना होगा इसके लिए ई लाईब्रेरी आवश्यक है।आने वाले समय में सभी विवि व महाविद्यालय में ई लाइब्रेरी की शुरुआत होगी। पचास लाख किताबें ई ग्रंथालय में उपलब्ध हैं इसमें मध्य प्रदेश प्रथम स्थान पर है।मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित आरके मटोरिया ने कहा कि किसी काम को बताने में नहीं करने में विश्वास रखना चाहिए। सबसे पहले लाईब्रेरी को ऑटोमेट करें उसके बाद टूल्स का प्रयोग करें।बारकोड का प्रयोग करें।समय के साथ नई तकनीक का प्रयोग करते रहना चाहिए। नवाचार की ओर ध्यान देना चाहिए।कार्यशाला में अतिथियों द्वारा कोहा एवं डी स्पेस से संबंधित मैनुअल का विमोचन किया गया।

प्रो.जेएन गौतम ने सभी अतिथियों को शॉल श्रीफल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया। कार्यशाला में 70 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए।कार्यक्रम का संचालन खुशबू राहत व आभार व्यक्त प्रो.हेमंत शर्मा ने किया।इस मौके पर प्रो.आईके पात्रो, प्रो.एसके द्विवेदी , प्रो.नलिनी श्रीवास्तव प्रो.एसडी सिसौदिया,प्रो.एमके गुप्ता, प्रो.एसके शुक्ला,प्रो.एसके सिंह, डॉ.सतेंद्र सिंह सिकरवार,डॉ.पीके जैन,डॉ.निधि श्रीवास्तव,सकील कुरैशी,विकास राठौर,संजय जादौन सहित छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *