हिंसक जानवर का अल्फा मेल वर्जन तैयार किया है वांगा रेड्डी ने, एनिमल नाम सार्थक करती है रणवीर की एक्टिंग

(जितेंद्र पाठक)

एनिमल देखने जाएं तो कई चीजों पर सवाल है जो आपके जेहन में आएंगे, उनका जबाब ढूंढेंगे तो फिल्म बकवास होती जाएगी, इसलिए केवल फिल्म को हिंसा पसंद करने वाले मनोरंजन के तौर पर ही देंखें। और हां, इसका अगला पार्ट भी आएगा, जिसका नाम है एनिमल पार्क।

संदीप वांगा रेड्डी ऐसे डायरेक्टर हैं जिनकी फिल्मों में जो भी चीज दिखाई जाती है, वह हद से गुजरी हुई होती है. इसकी मिसाल उनकी फिल्म अर्जुन रेड्डी और कबीर सिंह हैं. जिसमें एक सिरफिरा आशिक है. अब वह एनिमल लेकर आए हैं. एनिमल में रणबीर कपूर, अनिल कपूर, रश्मिका मंदाना और बॉबी देओल लीड रोल में हैं.

इस बार वांगा रेड्डी ने अपनी फिल्म का सब्जेक्ट बाप बेटे के प्यार पर रखा है. प्यार भी ऐसा वाला एकदम एक्स्ट्रीस. संदीप ने फिल्म एक्शन भी रखा है तो एकदम एक्सट्रीम. संदीप ने फिल्म में इमोशन भी रखे हैं तो एकदम एक्सट्रीम. इस तरह एनिमल में हर चीज वह एक एक्स्ट्रीम लेवल पर ले गए है।फिल्म में खून खराबे के सीन भी एक्सट्रीम लेवल पर हैं कई जगहों पर लगातार ऐसे दृश्यों से दिमाग जड़ सा हो जाता है।

संदीप वांगा रेड्डी की एनिमल की कहानी बाप-बेटे के रिश्ते की है. बाप अमीर है, अपने काम में व्यस्त है. बेटा चाहता है तो सिर्फ  पिता की तवज्जो और प्यार. जिसके लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है. बस जब पिता पर संकट आता है तो यह बेटा ढाल बनकर खड़ा हो जाता है और हर हद से गुजर जाता है.

फिल्म में रश्मिका मंदाना और बॉबी देओल भी आते हैं और अपने किरदार निभाते हैं. लेकिन पूरी फिल्म पर छाया रहता है तो बाप बेटे का साया. इस तरह बाप बेटे का यह प्यार फिल्म के दर्शकों के लिए सिरदर्द सा बन जाता है. फिल्म तीन घंटे 21 मिनट की है. फिल्म में कुछ समय के लिए ड्रामा दिखाया जाता है ताकि उसके बाद एक लंबा एक्शन सीन डाला जा सके. पहला हाफ ठीक-ठाक है और दूसरा सुस्त. कुल मिलाकर एक औसत कहानी है और जो पूरी तरह से पुरुषों की दुनिया है. 

संदीप वांगा रेड्डी हर बार एक्स्ट्रीम पर जाते हैं. इस बार भी कुछ ऐसा ही है. उनकी दुनिया के पुरुष बहुत हिंसक और उग्र होते हैं और यही बात कबीर सिंह और अर्जुन रेड्डी के बाद एनिमल में भी नजर आती है. संदीप ने जिस तरह की फिल्म बनाई है, उसमें वह कुछ बातें स्थापित करने की कोशिश करते हैं, और एक अंधेरा रच डालते हैं. मनोरंजन के नाम पर सिर्फ एक्शन है

एनिमल में शुरू से लेकर आखिर तक रणबीर कपूर छाए हुए हैं. इसमें उनका एक्शन अंदाज बढ़िया है और कई सीन में पापा-बेटा संवाद भी अच्छा है. रश्मिका मंदाना साउथ की बड़ी स्टार हैं, उनकी एक्टिंग एक दम सधी हुई नेचुरल है. अनिल कपूर का काम उनके रोल के हिसाब से औसत है। बॉबी देओल से और भी काम लिया जा सकता था.

कुल मिलाकर बेटे का बाप के लिए अतिरंजित प्यार है फिल्म एक्शन से भरपूर है. रणबीर का नया अंदाज है. अगर आप में 201 मिनट बैठने का धैर्य है, खूंखार एक्शन पसंद है और रणबीर कपूर के फैन हैं तो फिल्म आपके लिए ही है.

और हां एक बात फिल्म में एक होटल में तीन सौ लोग मारे जाते है लेकिन पुलिस वुलिस का रोल पुरी फिल्म में कही नही है। ऐसी ही कई बातें आप सोचेंगे तो लगेगा कि देश को अनिल कपूर ही चला रहे है। तो फिल्म देखिए, कुछ सोचिए मत।

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