अवैध-जहरीली शराब का बेहिसाब कारोबार, लेकिन आबकारी कमिश्नर साढे चार माह से मुख्यालय ही नही आए

इंदुर्खी में चार लोगों की मौत पर भी सहानुभूति नही

ग्वालियर । ग्वालियर चंबल संभाग में अवैध जहरीली शराब का कारोबार लगातार फल फूल रहा है मुरैना की पिछले वर्ष हुई घटना के बाद भिंड के इंदुर्खी में  भी जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की फिर मौत हो गई। लेकिन अफसोस की बात ये है कि पूरा आबकारी अमला गायब है, स्वंय आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे साढे चार माह से ग्वालियर के अपने मुख्यालय कार्यालय में नही आए है। वह अपने डेढ वर्ष के कार्यकाल में मात्र एक  महीने ही ग्वालियर मुख्यालय में बैठे है, जबकि उन्हे मुख्यालय कम से कम 15 दिन तो बैठना ही चाहिए। ताकि आबकारी अमला ईमानदारी से फील्ड में काम कर सके।

गौरतलब बात यह है कि पूरे प्रदेश में आबकारी अमला इन दिनों अपने अपने हिसाब से काम कर रहा है। कारण यह है कि प्रदेश के आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे अपने ग्वालियर कार्यालय में बैठते नही है, वह भोपाल में कैंप आफिस का बहाना बनाकर गायब है, जिस कारण विभाग में चौतरफा अव्यवस्था का आलम है। पूरे प्रदेश में नकली व जहरीली शराब खुलकर बिक रही है और यह शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है। अब तक दर्जनों लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है लेकिन आबकारी आयुक्त मुंह में गुड रखकर बैठे है

आप आबकारी आयुक्त मुख्यालय की बानगी देखिए, आयुक्त से लेकर एडीश्नल कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, असिस्टेंड कमिश्नर से लेकर भिंड की डी.ओ. मैडम तक का इंदुर्खी जैसे कांड के बाद भी अता-पता नही है, और न ही इन अधिकारियों ने अपनी चुप्पी तोडी है। इधर कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है। आज कांग्रेस ने अवैध और जहरीली शराब से मृत लोगों  के परिजनों से मुलाकात की और प्रत्येक पीडित परिवार को 10-10 लाख रूपए का मुआवजा देने व सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *