(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
दतिया, 23 अगस्त2025।प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग के सभी बैरियर खत्म कर वाहनों की जांच के लिए मोबाइल स्क्वाड गठित किए हैं, ताकि सड़क पर लाइन लगाकर अवैध वसूली का खेल बंद हो सके। लेकिन दतिया में इस आदेश का खुला उल्लंघन हो रहा है। आरटीओ रोड स्थित मंदिर के पास रोजाना मोबाइल चैकिंग प्रभारी के.के. गोस्वामी के इशारे पर अघोषित बैरियर खड़ा कर दिया जाता है, जहाँ गाड़ियों को रोका जाता है और प्राइवेट लोगों के जरिये जबरन वसूली की जाती है।

स्वीकृत बल गायब, प्राइवेट लोग हावी
मोबाइल स्क्वाड में दो हेडकांस्टेबल और आठ कांस्टेबल का बल की ड्यूटी स्वीकृत है, लेकिन मौके पर सिर्फ हेडकांस्टेबल और एक-दो कांस्टेबल ही दिखते हैं। बाकी जगह होमगार्ड जवानों की आड़ में के.के. गोस्वामी ने प्राइवेट लोगों को खड़ा कर रखा है, जो एसटीएफ और कमांडो जैसी वर्दी पहनकर वाहन चालकों से वसूली करते हैं। जो वाहन चालक तर्क करता है उसके साथ गाली गालौज तो होती ही है मारपीट तक कर दी जाती है।
संवाददाता की आंखों देखी
17 जुलाई को संवाददाता ने दोपहर 1.30 से 3 बजे तक पहचान छिपाकर मौके पर स्थिति देखी। पाया गया कि वहां करीब 7-8 प्राइवेट लोग विभागीय अमले की मौजूदगी में मिलकर वसूली कर रहे थे। इस दौरान सीजी नंबर की एक गाड़ी को तीन घंटे तक रोके रखा गया। आजमगढ़ के रहने वाले ड्राइवर ने नाम न छापने और चेहरा न दिखाने की शर्त पर बताया—
“ये लोग बिना रसीद पैसे मांग रहे थे। मैंने ऑनलाइन चालान काटने की मांग की, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और तीन घंटे तक रोके रखा। जब मैं अड़ा रहा तभी जाकर जाने दिया।”

प्रभारी से जवाब नहीं
संवाददाता ने घटना के बाद ग्वालियर लौटकर प्रभारी के.के. गोस्वामी को उसी दिन तीन बार फोन लगाया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। अगले दिन भी उन्हे फोन किया गया, लेकिन उन्होने फोन रिसीव नहीं किया। साफ है कि इस पूरे गोरखधंधे में प्रभारी की संलिप्तता है और वे जवाब देने से बच रहे हैं।
नियमों को ताक पर
परिवहन विभाग का नियम है कि एएसआई से नीचे स्तर का कर्मचारी चालान नहीं काट सकता। इसके बावजूद प्रभारी गोस्वामी ने अघोषित बैरियर खड़ा कर दिया है, जहाँ प्राइवेट लोगों से चालान और वसूली कराई जा रही है। यह न केवल अवैध है बल्कि सरकारी आदेशों की भी सीधी अवहेलना है। लेकिन यहां चालान तो कट ही नहीं रहा बल्कि चालान और गुंडागर्दी का भय दिखाकर अवैध वसूली चल रही है। इस मामले में परिवहन विभाग के कमिश्नर और मंत्री से भी जल्द सवाल किया जाएगा।