शराब ठेकेदारों पर करोडो का बकाया, आबकारी विभाग में शिकायत भी हुई, अधिकारी बोले ”देखते है”

(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)

ग्वालियर के तीन शराब ठेकेदारों द्वारा शासन को करोडों रूपए का बकाया न चुकाए जाने से शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाए जाने का हवाला देकर वर्ष 2022-23 के लिए होने वाले शराब दुकानों के ठेकों में उन्हे शामिल न किए जाने और ब्लैक लिस्ट किए जाने की शिकायत सहायक आबकारी आयुक्त और संभागीय उपायुक्त के साथ की गई है। शिकायत में लायसेंसी शराब ठेकेदार संजय शिवहरे, श्रीमती कल्पना शिवहरे पत्नी रामस्वरूप शिवहरे(लल्ला शिवहरे), श्रीमती वैशाली शिवहरे पत्नी आकाश शिवहरे और मदन कक्कड के नाम शामिल है। 

जानिए क्या है पूरा मामला

 शिकायत के मुताबिक मेसर्स संजय शिवहरे एंड कंपनी में पार्टनर संजय शिवहरे पुत्र रमेशचंद्र शिवहरे निवासी सौदागर संतर मुरार ग्वालियर को जिला ग्वालियर की वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए जिले की समूह क्रमांक GWL/C-24(मुरार क्रमांक-1) पर प्रस्तुत किए गए लॉटरी ऑफर रूपए 6,13,19,9999 पर स्थिर न रहने के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त जिला ग्वालियर द्वारा पत्र क्रमांक आब./ ठेका/2019-20/3865 दिनांक 31.08.2019 को नोटिस जारी किया था कि जिला समिति द्वारा दिनांक 19.03.2019 को समूह क्रमांक GWL/C-24(मुरार क्रमांक-1) को आवंटित किया गया है जिसके संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा धरोहर राशि 17,66000 तीन दिन में एवं 11 प्रतिशत राशि की प्रतिभूति 10 दिन में जमा कराने के लिए सूचनापत्र क्रमांक आब./ ठेका/2019-20/1022  दिनांक 19.03.2019 से जारी किया गया था संजय शिवहरे द्वारा ये राशि जमा न किए जाने की स्थिति में आबकारी विभाग को इस समूह की दुकान का निष्पादन 5,72,00,000 में किया गया, जिससे शासन को करीब 41,19,999 का नुकसान हुआ। जबकि मप्र राजपत्र(आसाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.3.2019 की शर्त क्रमांक 18.2 के अंतर्गत निर्धारित शपथ पत्र की कंडिका 13 में स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि वर्ष 2019-20 के दौरान यदि आवंटी को आवंटित/अनुज्ञप्त शराब दुकान के एकल समूहों के पुर्ननिष्पादन किए जाने से यदि शासन को आरक्षित मूल्य से कम राशि का ऑफर प्राप्त होता है तो अंतर की खिसारा राशि आवंटी द्वारा देय होगी यानि ये संजय शिवहरे द्वारा भुगतान की जानी थी जो कि आज तक जमा नही की गई। ये राशि लगभग 28,19,999 रूपए होती है। शिकायतकर्ता ने शिकायत में उल्लेख किया है कि सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर के द्वारा पारित नोटिस के विरूद्ध संजय शिवहरे द्वारा माननीय न्यायालय आबकारी आयुक्त मप्र. ग्वालियर के न्यायालय में अपील की, आयुक्त न्यायालय द्वारा 28,19,999 रूपए रकम की वसूली  पर कोई स्टे नही दिया गया, और प्रकरण वर्तमान स्थिति में न्यायालय में लंबित होकर कोई निर्णय पारित नही किया गया।

इसी तरह मेसर्स आरएसकेएस  बिल्डकॉन प्रा.लि. डायरेक्टर कल्पना शिवहरे पत्नी रामस्वरूप शिवहरे  को वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए ग्वालियर जिले की समूह क्रमांक GWL/F-11(हजीरा चौक) पर प्रस्तुत किए गए लॉटरी ऑफर रूपए 12,11,93,969 पर स्थिर न रहने के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त जिला ग्वालियर द्वारा पत्र क्रमांक आब./ ठेका/2019-20/3861 दिनांक 31.08.2019 को नोटिस जारी किया था कि जिला समिति द्वारा दिनांक 19.03.2019 को समूह क्रमांक GWL/F-11(हजीरा चौक) को आवंटित किया गया है जिसके संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा धरोहर राशि 38,09,698 तीन दिन में एवं 11 प्रतिशत राशि की प्रतिभूति 10 दिन में जमा कराने के लिए सूचनापत्र क्रमांक आब./ ठेका/2019-20/1021  दिनांक 19.03.2019 से जारी किया गया था डायरेक्टर कल्पना शिवहरे द्वारा ये राशि जमा न किए जाने की स्थिति में आबकारी विभाग को इस समूह निष्पादन किए जाने से 1,65,,59,505 रूपए राजस्व की हानि हुई।जबकि मप्र राजपत्र(आसाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.3.2019 की शर्त क्रमांक 18.2 के अंतर्गत निर्धारित शपथ पत्र की कंडिका 13 में स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि वर्ष 2019-20 के दौरान यदि आवंटी को आवंटित/अनुज्ञप्त शराब दुकान के एकल समूहों के पुर्ननिष्पादन किए जाने से यदि शासन को आरक्षित मूल्य से कम राशि का ऑफर प्राप्त होता है तो अंतर की खिसारा राशि डायरेक्टर कल्पना शिवहरे द्वारा भुगतान की जानी थी जो कि आज तक जमा नही की गई। ये राशि लगभग 1,65,59,505 रूपए होती है। इसी तरह इस  मामले में भी सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर के द्वारा पारित नोटिस के विरूद्ध कल्पना शिवहरे द्वारा न्यायालय आबकारी आयुक्त मप्र. ग्वालियर के न्यायालय में अपील की, आयुक्त न्यायालय द्वारा बकाया राशि की वसूली पर कोई स्टे नही दिया गया, और प्रकरण वर्तमान स्थिति में न्यायालय में लंबित है।

वहीं इसी कंपनी मेसर्स आरएसकेएस  बिल्डकॉन प्रा.लि. डायरेक्टर वैशाली शिवहरे पत्नी आकाश शिवहरे को वर्ष 2019-20 की अवधि के लिए ग्वालियर जिले की समूह क्रमांक GWL/F-1(नाका चंद्रवदनी) पर प्रस्तुत किए गए लॉटरी ऑफर रूपए 13,57,59,505 पर स्थिर न रहने के संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त जिला ग्वालियर द्वारा नोटिस जारी किया था कि जिला समिति द्वारा दिनांक 19.03.2019 को समूह क्रमांक GWL/F-1(नाका चंद्रवदनी) को आवंटित किया गया है जिसके संबंध में सहायक आबकारी आयुक्त द्वारा धरोहर राशि 43,87,975 रूपए तीन दिन में एवं 11 प्रतिशत राशि की प्रतिभूति 10 दिन में जमा कराने के लिए सूचनापत्र क्रमांक आब./ ठेका/2019-20/1022  दिनांक 19.03.2019 से जारी किया गया था डायरेक्टर वैशाली शिवहरे द्वारा ये राशि जमा न किए जाने की स्थिति में आबकारी विभाग को इस समूह निष्पादन किए जाने से 2,83,43,969 रूपए राजस्व की हानि हुई। जबकि मप्र राजपत्र(आसाधारण) क्रमांक 125 दिनांक 16.3.2019 की शर्त क्रमांक 18.2 के अंतर्गत निर्धारित शपथ पत्र की कंडिका 13 में स्पष्ट प्रावधान किया गया था कि वर्ष 2019-20 के दौरान यदि आवंटी को आवंटित/अनुज्ञप्त शराब दुकान के एकल समूहों के पुर्ननिष्पादन किए जाने से यदि शासन को आरक्षित मूल्य से कम राशि का ऑफर प्राप्त होता है तो अंतर की खिसारा राशि डायरेक्टर कल्पना शिवहरे द्वारा भुगतान की जानी थी जो कि आज तक जमा नही की गई। ये राशि लगभग 1,65,59,505 रूपए होती है। इसी तरह इस  मामले में भी सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर के द्वारा पारित नोटिस के विरूद्ध कल्पना शिवहरे द्वारा न्यायालय आबकारी आयुक्त मप्र. ग्वालियर के न्यायालय में अपील की, आयुक्त न्यायालय द्वारा बकाया राशि की वसूली  पर कोई स्टे नही दिया गया, और प्रकरण वर्तमान स्थिति में न्यायालय में लंबित है।

वहीं मदन कक्कड पुत्र स्व.जेतानंद कक्कड लायसेंसी वर्ष 2019-20 देसी मदिरा दुकान जीवाजी चौक का सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर द्वारा पत्र दिनांक 01.5.2019 द्वारा देसी मदिरा दुकान जीवाजी चौक की माह मार्च 2019 के दिव्तीय पक्ष की बकाया प्रत्याभूत ड्यूटी की राशि 3,27,181 रूपए जमा किए जाने हेतु आदेशित किया गया। मदन कक्कड द्वारा उक्त आरोपित राशि जमा नही की जाकर न्यायालय आबकारी आयुक्त मध्यप्रदेश के यहां अपील दायर की गई, न्यायालय द्वारा 30.9.2019 को प्रस्तुत अपील निरस्त कर प्रकरण समाप्त कर दिया गया

शिकायतकर्ता निर्भय शर्मा ने शिकायत में कहा है कि संजय शिवहरे, मैसर्स आरएसकेएस बिल्डकॉन प्रा.लि. द्वारा माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में अपील प्रकरण क्रमांक क्रमशः20116/2019,  20118/2019, 22698/2019 उक्त बकाया राशि की वसूली के विरुद्ध दायर की गई थी जिसे माननीय  उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर ने खारिज कर दिया गया है।

ऐसे में संजय शिवहरे, श्रीमती कल्पना शिवहरे पत्नी रामस्वरूप शिवहरे (लल्ला शिवहरे), श्रीमती वैशाली शिवहरे पत्नी आकाश शिवहरे पर शासन का करोडों रूपया बकाया है इसके बाबजूद आबकारी विभाग के अधिकारी इन पर आखिर क्यों मेहरबान है बकाया होने के बाबजूद भी उन्हे ब्लैक लिस्ट नही किया गया बल्कि देशी विदेशी शराब दुकानों के फुटकर दुकानों के निष्पादन की प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति सहायक आबकारी आयुक्त और जिला आबकारी अधिकारी की सहमति से दी जा रही है।

शिकायतकर्ता ने अधिकारियों से मांग की है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश एव न्यायालय आबकारी आयुक्त द्वारा पारित आदेशों के मद्देनजर इन शराब ठेकेदारों से जल्द जल्द बकाया राशि की वसूली की जाना चाहिए। जब तक ये राशि इन शराब ठेकेदारों दवारा जमा नही की जाती, तब तक किसी भी तरह से देशी विदेशी शराब दुकानों के निष्पादन की प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति बिलकुल नही दी जाए।

वसूली में आबकारी विभाग के अधिकारियों ने नही दिखाई दिलचस्पी

इन शराब ठेकेदारों से बकाया वसूली के लिए आबकारी विभाग के अधिकारियों ने न तो दिलस्चपी दिखाई और न ही अब भी ऐसा नजर आ रहा है इन शराब ठेकेदारों पर जब बकाया राशि को वसूली का नोटिस जारी किया गया, तो इन्हे पर्याप्त समय दिया गया कि वो न्यायालयीन प्रक्रिया में मामले को उलझा सके और वसूली टल सके, ठेकेदार काफी हद तक इसमें सफल भी रहे और और इस दौरान शराब ठेके भी लेकर कारोबार करते रहे, जिसमें आबकारी विभाग के अधिकारियों का पूरा सहयोग रहा। गौरतलब है कि करीब दो साल पहले शराब कारोबारी लल्ला शिवहरे के परिजनों के नाम से संचालित दुकानों पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही एक करोड रूपए की कीमत से ज्यादा की अवैध शराब पकडी थी इस छापामार कार्यवाही से उस वक्त आबकारी विभाग के अधिकारियों को पूरी तरह अलग रखकर प्रशासनिक अधिकारियों ने ही कार्यवाही को अंजाम दिया था क्योंकि कहीं न कहीं जिला प्रशासन के अधिकारियों को शंका थी कि आबकारी विभाग के अधिकारियों को शामिल करने से कार्यवाही के पहले ही खबर शराब ठेकेदारों तक पहुंच सकती है।

इनका कहना है

”जो भी प्रक्रिया होगी, उसका पालन किया जाएगा, न्यायालय का आदेश आ जाए, उसके बाद देखते है इसे, कि क्या डायरेक्शन न्यायालय की तरफ से है और जो भी वैधानिक प्रावधान है उसके हिसाब से कार्यवाही की जाएगी। जहां तक ब्लैक लिस्ट करने का सवाल है तो उसके लिए बकायादार को बकायादार घोषित करना पडता है RRC जारी करनी होती है, RRC जारी होने के बाद ही बकायादार घोषित होता है तो ये शराब ठेकेदार अभी उस हिसाब से बकायादार नही है। अभी RRC जारी नही हुई है। न्यायालय के क्या डायरेक्शन है उस हिसाब से देखेगें। श्री संदीप शर्मा, सहायक आयुक्त, आबकारी

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