
ग्वालियर। प्रदेश के निगम, मंडल, प्राधिकरणों में सिंधिया समर्थकों को प्राथमिकता मिलने के संकेत मिल रहे है। इन संकेतों से मूल भाजपाई हैरान होने के साथ ही परेशान भी है। दरअसल विधानसभा उपचुनाव में जिन सिंधिया समर्थक विधायक मंत्रियों को टिकट मिला था उनमें से मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, रघुराज कंषाना, एँदल सिंह कंषाना चुनाव हार गए थे। जिन्हे निगम, मंडल, प्राधिकरण में सेट करने की भूमिका तैयार कर ली गई है पिछले दिनों अखबारों में भी ये खबरे प्रकाशित हुई थी जिनमें मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, रघुराज कंषाना, एंदल सिंह कंषाना के नाम प्रमुखता से बताए जा रहे है।
लेकिन इन खबरों से मूल भाजपाई परेशान है वो मान रहे है कि अगर पार्टी में सिँधिया और उनके समर्थकों को ही पदों से नवाजा जाता रहेगा। तो उनका नंबर कब आएगा। ऐसे में मूल भाजपाई अपने खेमे के नेताओं मिलकर जानने की कोशिश कर रहे है। कि लगातार झंडे, डंडे उठाने से लेकर पार्टी के लिए गांठ से पैसा खर्च करने के बाबजूद उन्हे कहीं कंसीडर किए जाने की उम्मीद अभी भी है कि नही। सूत्र बताते है कि निगम, मंडल, प्राधिकरणों में बहुप्रतिक्षित बंटवारा 15 अगस्त से पहले होने की तैयारी है। कि इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा की हाल ही में एक लंबी बैठक भी हुई थी लेकिन उसके बाद प्रदेश में बने बाढ के हालात के बाद मामला फिलहाल शांत है।
मामला केवल उपचुनाव में हारे सिँधिया समर्थकों तक ही सीमित नही है उन सिंधिया समर्थकों को भी मौका देने के चर्चा है जो सिंधिया के पसंदीदा है। इनमें ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण में कांग्रेस सरकार के समय रहे पदाधिकारी भी शामिल है। ग्वालियर को लेकर स्थिति ज्यादा टाईट है क्योंकि यहां निगम, मंडल, प्राधिकरण की कुर्सी के लिए सिंधिया समर्थकों की लंबी कतार है। तो वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर के वफादार कार्यकर्ता भी उम्मीद लगाए बैठे है। बहरहाल भाजपा के अँदरखाने में रस्साकशी का दौर चल रहा है। अब देखना है कि भाजपा के मूल नेताओं की चल पाती है। या सिंधिंया का सिक्का इस बार भी चमकेगा।