ग्वालियर01अक्टूबरर2022। प्रदेश की भाजपा सरकार के पास अभी निगम मंडलों की काफी रेवडियां बची हुई है जिन्हे बांटने के तैयारी एक किश्त में फिर सरकार ने कर ली है पिछली किश्त में एक साल पहले निगम मंडलों में नियुक्तियां की गई थी लेकिन कई निगम मंडल होल्ड पर रख लिए गए थे चर्चा है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में बचे हुए निगम मंडल अगले साल विधानसभा चुनाव से पहले अभी बांटे जाने का मन बना लिया गया है और इसके लिए आज भोपाल में चल रही कोर ग्रुप की बैठक में इस पर भी निर्णय लिए जाने की संभावना है इसके लिए सत्ता और संगठन से जुडे प्रमुख लोग बैठक में सिर जोड कर बैठे है
कांग्रेस की सरकार को ढहाने की के बाद प्रदेश में दोबारा बनी बीजेपी सरकार के बाद तमाम भाजपाईयों को उम्मीद थी कि निगम मंडलों को उनको तरजीह मिल जाएगी, मगर सरकार ने निगम मंडलों में नियुक्तियों से ऐसी बेरूखी दिखाई कि अब दोबारा चुनाव होने का वक्त आ गया है लेकिन निगम मंडलों की कुर्सियों खाली पडी है हांलाकि कुछ असंतोष कम करने और प्रभावशाली गुट के नेताओं को उपकृत करने के लिए एक साल पहले कुछ नियुक्तियां जरूर हुई थी लेकिन बाकी होल्ड पर रख दी गई, बीच बीच में यहां नियुक्तियां किए जाने की चर्चा जरूर चली, लेकिन नियुक्तियां सरकार ने नही की।
अब अगले साल विधानसभा चुनाव है तो भले ही एक साल के लिए ही सही संगठन और सत्ता के बडे नामों से जुडे भाजपाईयों को निगम मंडलों में एडजस्ट करने की तैयारी है ग्वालियर में ही ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण, साडा और जीडीए खाली है। तो उम्मीद की जा रही है अब जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है हांलाकि पिछली बार हुई निगम मंडलों में नियुक्तियों में सिंधिया खेमे को प्राथमिकता मिली थी इस बार क्या होता है इस पर भी सबकी नजर हैं ग्वालियर चंबल में सिंधिया समर्थकों को पहले ही उपकृत किया जा चुका है तो माना जा रहा है मेला, साडा और जीडीए पर मूल भाजपाई विराजमान हो सकते है और इसमें नरेंद्र सिंह तोमर खेमे को वजन मिल सकता है