सम्पत्ति कर जमा करने के लिए ‘गारबेज शुल्क’ जमा करने की बाध्यता समाप्त करते हुए इसे एच्छिक किया जाए एवं गारबेज शुल्क की दरों में संशोधन का प्रस्ताव जो कि शासन स्तर पर लंबित है, उसे तत्काल अनुमोदित किया जाए – MPCCI
आयुक्त (प्रशासनिक संचालनालय), नगरीय विकास एवं आवास विभाग, म. प्र. शासन को लिखा पत्र
ग्वालियर, 11 नवम्बर । ग्वालियर, नगर-निगम द्वारा सम्पत्ति कर जमा करने में गारबेज शुल्क जमा करने की बाध्यता को समाप्त करने तथा इसे एच्छिक किए जाने सहित गारबेज शुल्क की दरों में संशोधन हेतु जो प्रस्ताव राज्य शासन स्तर पर लंबित है, उसे तत्काल अनुमोदित किए जाने की माँग करते हुए, आज चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयुक्त (प्रशासनिक संचालनालय), नगरीय विकास एवं आवास विभाग, म. प्र. शासन-श्री भरत यादव को पत्र प्रेषित किया गया है ।
MPCCI अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि नगर-निगम, ग्वालियर में गारबेज शुल्क की दरें भोपाल, इंदौर, जबलपुर की तुलना में बहुत अधिक होने से भवन स्वामी सम्पत्ति कर जमा नहीं कर पा रहे हैं, जिससे निगम को राजस्व नहीं मिल पा रहा है और भवन स्वामियों को सम्पत्ति कर में 6% छूट का लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है, जबकि पूर्व के वर्षों में इसे गारबेज शुल्क पर निगम के प्रस्ताव पर शासन का अनुमोदन आने तक सॉफ्टवेयर में ऑप्शनल रखा गया था, जिस पर ‘चेम्बर भवन’ में सम्पत्तिकर जमा करने हेतु अनेक शिविरों का आयोजन किया गया और इससे नगर-निगम के खजाने में करोड़ों रुपये भवन स्वामियों से जमा करवाए थे, परन्तु निगम द्वारा सम्पत्ति कर के साथ गारबेज शुल्क की अनिवार्यता किए जाने से आमजन में निगम और म. प्र. शासन के प्रति नाराजगी उत्पन्न हो रही है ।
पदाधिकारियों ने इसके साथ आयुक्त, नगरीय विकास एवं आवास विभाग से यह भी माँग की है कि गारबेज शुल्क पर नगर-निगम, ग्वालियर ने प्रशासक के माध्यम से दरें पुनरीक्षण का जो प्रस्ताव म. प्र. शासन को भेजा है, उसका भी तत्काल अनुमोदन किया जाए ।