चार दिन बाद जागीं महापौर, बोली-निगम की तोडफोड की कार्यवाही से बेहद दुखी..अँधेरे में रखा अधिकारियों ने,पत्र लिखा

ग्वालियर17नवंबर2022। उपनगर ग्वालियर विधानभा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार किला गेट से सेवानगर तक सडक चौडीकरण के लिए सडक के दोनों तरफ मकानों और दुकानों को चिह्नित कर तोडने की कार्यवाही की जा रही है, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के कई नेता धरना प्रदर्शन भी कर रहे है लेकिन कांग्रेस महापौर डॉ. शोभा सिकरवार को अब जाकर इस घटनाक्रम का ध्यान आया है। जबकि पूरे ग्वालियर में इस वक्त यही मुद्दा गर्माया हुुआ है। इसी मामले में उर्जा मंत्री प्रधु्म्न सिंह तोमर की वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें उन्होने इस मामले पर इस्तीफा तक देने की बात तक कह डाली थी। जिसके बाद अब कही जाकर महापौैर की नींद खुली है।

महापौर डाॅ. शोभा सतीश सिकरवार ने उपनगर ग्वालियर में निगम प्रशासन द्वारा की जा रही तोडफोड को लेकर आज संभागीय आयुक्त, कलेक्टर ग्वालियर एवं नगर निगम आयुक्त को पत्र लिख कर की जा रही कार्यवाई पर असंतोष जताते हुये आयुक्त नगर निगम से पूरे प्रकरण की जानकारी तलब की है।

महापौर ने पत्र के माध्यम से आयुक्त नगर निगम से कहा है कि उपनगर ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के किलागेट चौराहा पर नगर निगम प्रशासन द्वारा की गई अनावश्‍यक तोड़-फोड़ एवं सेवानगर से किलागेट मार्ग के बीच सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की जा रही कार्यवाही से मैं आहत व दुःखी हूॅं। गरीबों के रोजगार छीनने एवं आमजनता के मकानों पर लाल निशान लगाकर जिस तरह तोड़-फोड़ की कार्यवाही की जा रही है। वह मानवीय संबेदनाओं के खिलाफ है। साथ ही तोड़-फोड़ की कार्यवाही करने से पहले मुझसे चर्चा क्यों नहीं की गई। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर गरीबों के मकान तोड़े जा रहे हैं। जब एलीबेटेड सड़क का निर्माण किया जा रहा है, इसके निर्माण होने से यातायात का दबाब स्वतः ही कम हो जाएगा। करोड़ो रूपये खर्च कर ऐलीवेटेड रोड बनाया जा रहा है तब इस तरह की तोड़-फोड़ क्यों की जा रही है। एलीबेटेड सड़क बनाने का मकसद यही है कि फूलबाग से किलागेट मार्ग के यातायात के दबाब को कम किया जाए।

वर्तमान में मंहगाई व बैरोजगारी से जनता परेशान हे, ऐसे में उनके घर और कारोबार को उजाड़ना न्यायसंगत नहीं है। आपके द्वारा कार्यवाही किये जाने से पूर्व मुझे अवगत नहीं कराया गया कि यह कार्यवाही क्यों और किसके निर्देशन पर की जा रही। मेरा मानना है कि प्रभावितों का व्यवस्थापन और नुकसान की भरपाई मुआवजा देकर की जाये। साथ ही कार्यवाही क्यों करना पड़ी उसकी तत्काल जानकारी दी जाए तथा भविष्‍य में मुझे और निगम परिषद को विश्‍वास में लिये बगैर इस तरह की कार्यवाई नहीं की जाए। साथ ही की जा रही दमनात्मक कार्यवाही पर रोक लगाई जाए।

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