RCMS वेबसाइट में गडबडी को लेकर कलेक्टर को पत्र, सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट,सिंधिया चैरिटेबल ट्रस्ट, कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट, सिंधिया स्कूल के राजस्व आदेश वेबसाइट से हटाने का आरोप

ग्वालियर। राजस्व संबंधी आदेशों को आनलाइन पढने एवं डाउनलोड करने के लिए शासन द्वारा RCMS वेबसाइट बनाई गई है इस वेबसाइट के जरिए कोई भी व्यक्ति कहीं से भी राजस्व विभाग में अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले आदेश, संशोधन आदेश प्रकरण क्रमांक एवं अन्य जानकारियों के आधार पर देख सकता है।

लेकिन सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट, ज्योतिरादित्य सिंधिया चैरिटेबल ट्रस्ट, सिंधिया कन्या विधालय आदि से संबंधित राजस्व आदेश RCMS की वेबसाइट पर प्रदर्शित नही हो रहे है इसे लेकर ग्वालियर के घासमंडी मुरार क्षेत्र के रहने वाले संकेत साहू ने कलेक्टर ग्वालियर को  पत्र लिखकर इन सभी आदेशों RCMS वेबसाइट पर प्रदर्शित करने की मांग की है संकेत ने सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट, ज्योतिरादित्य सिंधिया चैरिटेबल ट्रस्ट, सिंधिया कन्या विधालय आदि से संबंधित राजस्व आदेश के प्रकरण नंबरों को हवाला भी अपने पत्र में दिया है।

अपने पत्र में संकेत साहू ने लिखा है कि RCMS वेबसाइट पर उक्त प्रकरणों के अलावा सभी प्रकरण आदेश दिखाई दे रहे है संकेत ने पत्र के माध्यम से आरोप लगाया है कि राजस्व विभाग के किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा RCMS की वेबसाइट से छेडछाड की गई है या किसी के द्वारा उक्त आदेशों को जानबूझकर हटाया गया है इसलिए इन आदेशों को वेबसाइट पर दोबारा प्रदर्शित किया जाए।

इनका कहना है

सिंधिया देवस्थान ट्रस्ट, ज्योतिरादित्य सिंधिया चैरिटेबल ट्रस्ट, सिंधिया कन्या विधालय आदि से संबंधित राजस्व आदेश RCMS की वेबसाइट पर प्रदर्शित नही हो रहे है इसे लेकर कोई साजिश नजर आ रही है मैने कलेक्टर को भी पत्र लिखा है दो महीने हो गए है लेकिन किसी  भी तरह का कोई रिस्पोंस नही है इससे लगता है कि संबंधित आदेशों को मिलीभगत से जानबूझकर छिपाया जा रहा है। मैं इस मामले में जल्द ही आगामी कार्यवाही करूंगा। (संकेत साहू, शिकायकर्ता)

इन आदेशों को जब RCMS पर सर्च किया जाता है तो not found लिखकर आता है ये काफी गंभीर मामला है क्योंकि हमने नकल और आरटीआई के आवेदन भी लगाए है लेकिन दो महीने बाद भी कोई जबाब नही दिया जा रहा, न ही वरिष्ठ अधिकारियों कोई कार्यवाही कर रहे है आफ द रिकार्ड कर्मचारी कहते है कि फाईलें चोरी हो गई, अब हम कहां से जानकारी दे दें। (अवधेश तोमर, संकेत साहू के वकील)

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