फर्जी दरोगा को असली दरोगा सोलंकी की विवेचना ने दिलाई 5 साल की सजा

फर्जी दरोगा को सजा दिलवाने वाले विवेचक एएसआई राजीव सोलंकी

ग्वालियर15नवंबर2022। एक साल पहले ग्वालियर में क्राईम ब्रांच के फर्जी दरोगा बनकर लोगों से पैसे ऐंठने वाले मुरैना के देवेंद्र सिकरवार को न्यायालय ने 5 साल की सजा सुनाई है। इस फर्जी दरोगा को पकडने वाले क्राईम ब्रांच के एएसआई राजीव सोलंकी की ही विवेचना पर आरोपी फर्जी दरोगा का पांच साल की सजा मिली है।

जानकारी के मुताबिक देवेंद्र सिकरवार आनलाइऩ सेंटरों पर जाकर अपने आपको पुलिस की सबइंस्पेक्टर बताकर अपने मोबाइल के फोन पे और एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवा लेता था और बाद में झांसा देकर भाग जाता था इसके द्वारा कई लोगों के साथ इस तरह की वारदात को अंजाम दिया गया, जिसके बाद  दिनांक 26.11.2021 को पुलिस थाना क्राईम ब्रांच ग्वालियर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ एएसआई राजीव सोलंकी को अपराध क्रमांक 112/21 अंतर्गत धारा 419, 420 भा0द0सं0 की एफ.आई.आर. विवेचना हेतु प्राप्त हुई थी। मुखबिर की सूचना के आधार पर उक्त अपराध के आरोपी देव उर्फ देवेन्द्र सिकरवार डी.बी.मॉल के सामने खड़ा हुआ है, वह मयफोर्स ए.एस.आई राजकुमार, आरक्षक नवीन पाराशर व अन्य फोर्स के साथ डी.बी.मॉल पर पहुंचे तो वहां पर एक व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगा।

 उक्त व्यक्ति को फोर्स की मदद से पकड़ने पर उसका नाम पता पूछा गया तो उसके द्वारा अपना नाम देव उर्फ देवेन्द्र सिकरवार, निवासी-ग्राम गलेथा बागचीनी मुरैना का होना बताया। जिससे प्रकरण के संबंध में पूछताछ की गई तो आरोपी द्वारा जुर्म करना कबूल किया गया। इसके पश्चात उसके द्वारा समक्ष गवाहों के आरोपी की तलाशी ली गई तो उसकी पहने हुए पेंट की दांहिनी जेब से 99 हजार रूपये नगद मिले, एक मध्यप्रदेश पुलिस की खाकी रंग की जंगल कैप जिस पर म0प्र0 पुलिस का मोनो लगा हुआ था, पहने हुआ था। तलाशी लेने पर बांई जेब से म0प्र0 पुलिस का उपनिरीक्षक का पहचान पत्र मिला, साथ में एक मोबाईल वीवो कम्पनी का मिला। जिसके बाद आरोपी से पूछताछ और फरियादियों के बयान के आधार विवेचना में साक्ष्य एकत्रित किए गए। जिसके बाद आरोपी को सजा हुई है।

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