
ग्वालियर27अगस्त2022।ग्वालियर में 5 करोड 51 लाख रूपए मूल्य की जमीन की रजिस्ट्री महज 29 लाख रूपए नगद में किए जाने के मामले में आयकर विभाग ने भूमि विक्रेता पर 3 करोड 94 लाख रूपए की आयकर पेनल्टी लगाई है एक शिकायत के बाद आयकर विभाग ने आदेश जारी कर भूमि विक्रेता को आयकर पेनल्टी जमा करने को कहा है मामला सिरौल के सर्वे क्रमांक 358 की जमीन का है। हांलाकि जमीन की रजिस्ट्री भूमि स्वामी उत्तम सिंह द्वारा करना बताई गई थी लेकिन उत्तम सिंह की मृत्यु के बाद उनके पुत्र कृष्णा सिंह, महेंद्र सिंह और पत्नी गंगादेवी निवासी ग्राम सिरौल, मुरार को पेनल्टी जमा करने का आदेश दिया गया है
जानकारी के मुताबिक सिरौल के सर्वे क्रमांक 358 की जमीन का विक्रय उत्तम सिंह द्वारा 31 मार्च 2013 को विक्रयपत्र के माध्यम से किया गया था इस विक्रयपत्र के माध्यम से जमीन का सौदा महज 29 लाख रूपए लेकर एमके एंटरप्राइजेज को करना बताया गया। इसमें गडबडी ये रही, कि 29 लाख रूपयों का लेनदेन नगद बताया गया। जबकि रजिस्ट्री फर्म के नाम पर की गई थी। फर्म ने भी भुगतान विधिवित चेक आदि से करने के बजाए नगद ही कर दिया।
इस पूरे मामले में कमल गौड नाम के व्यक्ति द्वारा आयकर विभाग को एक शिकायत की गई, शिकायत में कहा गया था कि बिक्रीत जमीन का शासकीय गाईडलाईन के हिसाब से ही मूल्य करीब 5 करोड 51 लाख निर्धारित था लेकिन शासन को चूना लगाने के लिए क्रेता विक्रेता द्वारा आपस में सांठगांठ कर टैक्स चोरी की नीयत से सौदा 29 लाख रूपए नगद लेकर कर लिया गया है। शिकायत के बाद आयकर विभाग ने मामले की जांच शुरू की, जांच के दौरान वर्ष 2020 में विक्रेता उत्तम सिंह को नोटिस जारी किया गया, लेकिन उत्तम सिंह की मृत्यु 2019 में ही हो चुकी थी लिहाजा उत्तम सिंह के वारिस पुत्र कृष्णा सिंह, महेंद्र सिंह और पत्नी गंगादेवी को नोटिस जारी किए गए।
नोटिस जारी होने के बाद आयकर विभाग ने प्रक्रिया के तहत पक्षकारों के कथन आदि लेकर मामले की सुनवाई आदि की, प्रक्रिया पूरी होने के बाद आयकर विभाग ने भूमि विक्रेता पर 3 करोड 94 लाख रूपए की पेनल्टी अधिरोपित की है चूंकि मूल विक्रेता उत्तम सिंह की मृत्यु हो चुकी है तो अब उक्त पेनल्टी चुकाने के लिए उत्तम सिंह के वारिस पुत्र कृष्णा सिंह, महेंद्र सिंह और पत्नी गंगादेवी सहित जो भी वारिस होंगे, वो इस आदेश के अधीन पेनल्टी चुकाने के लिए बाध्यम होंगें।
अगर नियमानुसार पेनल्टी नही चुकाई जाती है तो संबंधित व्यक्तियों की अन्य संपत्तियों, खातों, भवन आदि से आयकर विभाग पेनल्टी वसूलने की कार्यवाही कर सकता है इस तरह जमीनों की खरीदफरोख्त में टैक्स चोरी के मामले में आययकर विभाग की ये बडी कार्यवाही मानी जा सकती है जिसमें करोडों की जमीन का सौदान कुछ लाख रूपए में गुपचुप किया गया।