
ग्वालियर14सितंबर2023। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चुनावी बेला में धड़ाधड़ घोषणायें कर आम और जरूरतमंद लोगों को राहत दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अधिकारी शासन मुख्यमंत्री की मंशा को पलीता लगाने में सबसे आगे है। वह आम लोगों के सहायता प्रकरणों को महीनों से जांच के नाम पर दबाकर बैठ गये हैं। जिससे तमाम बीमारी के सहायता प्रकरण कलेक्ट्रेट में बाबूओं के यहां धूल खा रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर जिला प्रशासन के समक्ष राज्य शासन की योजना के अनुसार ही विभिन्न बीमारियों में मुख्यमंत्री सहायता कोष, राज्य शासन से बीमारी सहायता निधि रेडक्रास सोसायटी के आवेदन लगाये जाते हैं। यह आवेदन पूरे देश में एक ही प्रक्रिया के तहत लगते है और सभी राज्य सरकारें ऐसे मामलों में तुरंत सहायता भी उपलब्ध कराती हैं।
मुख्यमंत्री सहायता कोष के मामले में तो स्वयं मुख्यमंत्री उदारता बरत कर तुरंत सहायता कराते भी है। लेकिन ग्वालियर में यह प्रक्रिया एकदम उलट है। ग्वालियर में डेढ-दो माह से जिला कलेक्टर के समक्ष पहुंचे आवेदन जांच के नाम पर धूल खा रह हैं। जिन आवेदन में तुरंत सहायता होनी चाहिये थी उनमें भी जांच लिखकर ठंडे बस्ते में डाल दिया है जिससे हार्ट बीमारी, कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारी के आवेदक भटक रहे हैं। अब लोग निराश होकर कलेक्ट्रेट से लौटने लगे है।
वहीं मुख्यमंत्री सहायता कोष से संबंधित अधिकारियों का कहना है कि हमारे पास आवेदन आये तो हम तुरंत सहायता प्रकरणों का निदान करवाये। अब सबसे बड़ी बात यह है कि जिन अधिकारियों को जांच करनी है वह विभिन्न व्हीआईपी डयूटी, कार्यक्रमों में व्यस्त रहते है वैसे भी चुनावी बेला है और एसडीएम सारे नये हैं वह अभी यहां का काम समझ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पटवारी लंबी हड़ताल पर हैं जिससे यह प्रकरणों के काम पेंडिंग हो रहे हैं और जांच हो नहीं रही। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लाख चाहने के बाद भी आम पीड़ित लोग सहायता के लिये भटक रहे हैं।