
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर10जून2023। मध्यप्रदेश परिवहन विभाग में पुलिस, एक्साइज और राजस्व विभाग की तरह जल्द ही कार्यवाहक प्रमोशन देने का रास्ता साफ हो गया है आरक्षक स्तर से आरटीओ स्तर तक ये कार्यवाहक प्रमोशन दिए जाएंगे। इसका प्रस्ताव परिवहन विभाग के अधिकारियों ने लगभग 10 दिन पहले शासन को भेज दे दिया है, उम्मीद की जा रही है कि शासन स्तर से जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी।
गौरतलब है कि परिवहन विभाग में फील्ड में तैनात अमले की पदोन्नति के लिए आखिरी डीपीसी वर्ष 2010 में हुई थी उसके बाद कोई डीपीसी नहीं हुई, बाद में प्रमोशन में आरक्षण का मामला कोर्ट में पहुंचकर अटक गया। लेकिन शासन ने इसके लिए रास्ता निकालते हुए पुलिस विभाग में कार्यवाहक व्यवस्था लागू कर पदनाम में प्रमोशन तो दे ही दिया। वहीं राजस्व विभाग में भी हाल ही में तहसीलदारों की हडताल के बाद शासन ने उन्हे भी प्रभारी डिप्टी कलेक्टर पदनाम दे दिया था
परिवहन विभाग में इस समय ARTO की भी बेहद कमी है जिसके चलते एक एक ARTO और RTO को 3 से 4 जिलों तक का प्रभार संभालना पड रहा है। अगर परिवहन निरीक्षकों को पुलिस और राजस्व की तरह ही प्रभारी ARTO बनाया जाता है तो नीचे से ऊपर तक अमले की कमी से निजात मिल सकती है।
परिवहन विभाग के डिप्टी कमिश्नर प्रवर्तन अरविंद सक्सेना के मुताबिक अभी प्रदेश के 13 जिले ऐसे है जहां अधिकारियों के पास दोहरे प्रभार है जिसकी वजह से नियमित कार्य प्रभावित होते है दोहरे प्रभार के चलते अधिकारी अपने मूल पद वाले काम पर भी ध्यान नही दे पाते, और काफी काम पेंडिंग भी बने रहते है परिवहन विभाग वाहन पोर्टल 4 को अपग्रेड कर चुका है इसको भी सुचारू ढंग से चलाने के लिए अधिकारियों की कमी है। वहीं आगामी विधानसभा चुनावों में भी अमले की जरूरत बढ़ेगी, इस लिहाज से कार्यवाहक प्रमोशन की प्रस्ताव तैयार किया गया है।
इनका कहना है

“ ये बात सही है कि परिवहन विभाग में अधिकारियों-कर्मचारियों की काफी कमी है 13 जिलों में अधिकारियों के पास दोहरे प्रभार है लंबे समय से प्रमोशन नही होने से स्टाफ का मनोबल भी कम होता है विभाग की कार्यप्रणाली को सुगम बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए शासन को कार्यवाहक प्रमोशन का प्रस्ताव भेज दिया गया है उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इसकी स्वीकृति मिल जाएगी। आयुक्त परिवहन इस पूरी प्रक्रिया की सतत् मॉनिटरिंग कर रहे है।”