
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर27मई2023। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने में नायक की भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ पूरी कांग्रेस जमकर हमलावर है ऐसा कोई मौका नही है जब देश प्रदेश के आला नेताओं से लेकर जिले और ब्लॉक कांग्रेस तक के नेता और कार्यकर्ता सिंधिया और उनके समर्थकों के खिलाफ आग न उगल रहे हों। वहीं कुछ कांग्रेस नेता अब भी भाजपा और सिंधिया के साथ कांग्रेस में आए उनके समर्थकों के खिलाफ तो बयानबाजी कर देते है लेकिन आज भी सिंधिया के खिलाफ एक शब्द नही बोलते।
ग्वालियर 15 विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव लड़ चुके सुनील शर्मा ने भाजपा की तरफ से प्रतिद्वंदी प्रधुम्न सिंह के खिलाफ तो कुछ बयानबाजी चुनाव के दौरान की, लेकिन सिंधिया के खिलाफ कोई बयान नही दिया, तब से अब तक लंबा वक्त गुजर चुका है कांग्रेस की तरफ से सुनील शर्मा ग्वालियर 15 विधानसभा से ही चुनाव लडने के लिए सक्रिय बने हुए है लेकिन उनका कोई भी वक्तव्य सिंधिया के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर सामने नही आया। सुनील शर्मा अब भी सिंधिया के खिलाफ बोलने से बचते है वो भी तब जब पूरी कांग्रेस सिँधिया को घेरने में लगी है।
जब सिंधिया कांग्रेस मे थे तो सुनील शर्मा उनके कट्टर समर्थक माने जाते थे। लेकिन सिंधिया ने वजन हमेशा प्रधुम्न सिंह तोमर को ही दिया। कांग्रेस में भी सिंधिया ने प्रधुम्न को ही टिकट दिलवाया और चुनाव जिताने में मेहनत भी की। सुनील शर्मा केवल सिंधिया समर्थक बनकर ही संतोष करते रहे, और सिंधिया के भाजपा छोडने के बाद ही उनको कांग्रेस की तरफ से विधानसभा चुनाव लडने का मौका मिल पाया था
लेकिन फिर भी शायद सुनील शर्मा के मन में सिंधिया के लिए सम्मान अभी तक बना हुआ है यही वजह है कि जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह से लेकर ज्यादातर कांग्रेस नेता जहां सिंधिया के खिलाफ बोलने के लिए कोई मौका नही छोडते, वहीं सुनील शर्मा सिंधिया के मामले में अपनी सादगी और सम्मान बनाए हुए है। सिंधिया समर्थक उर्जा मंत्री के खिलाफ जरूर बोलते है क्योंकि वो कांग्रेस और भाजपा दोनों जगह उनके प्रतिद्वंदी रहे है।
कांग्रेस की सरकार बनाने और गिराने में ग्वालियर चंबल संभाग की सीटों की सबसे बडी भूमिका रही थी लिहाजा कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर चंबल में ही सबसे ज्यादा घेरने की कोशिश करती है यही वजह है कि कांग्रेस के सभी विधायक और विधायक प्रत्याशी रहे नेता खुलकर सिंधिया के खिलाफ बोलते है हांलाकि ऐसा कोई कांग्रेस की तरह से निर्देश या नियम नही है कि सिंधिया के खिलाफ सभी को बोलना अनिवार्य है लेकिन राजनीति में अमूमन सभी नेता आलकमान और पार्टी लाइन फॉलो करते है ऐसे में कांग्रेस की सिंधिया को घेरने की रणनीति को सुनील शर्मा की सिंधिया के प्रति न्यूट्रल रहने की कोशिश, कुछ कमजोर सी करती नजर आती है।