ग्वालियर08अगस्त2025। बोन एंड जॉइंट अवेयरनेस वीक की आखिरी कार्यशाला में आर्थराइटिस को बढ़ने से रोकने पर मंथन हुआ। जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आर.के.एस. धाकड़ ने कहा कि योग, मसल्स को मजबूत करना, नशा व धूम्रपान छोड़ना, संतुलित आहार लेना और जमीन पर बैठने से बचना—ये आदतें अपनाकर आर्थराइटिस को रोका जा सकता है।
हजीरा डिस्पेंसरी में आयोजित इस कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उन्होंने बताया कि ऑस्टियोआर्थराइटिस के शुरुआती लक्षणों में तिरछे पैर होना, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने में परेशानी और पालती मारकर बैठने में कठिनाई शामिल हैं। समय पर इलाज से इसे रोका जा सकता है, अन्यथा घुटने का ऑपरेशन करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अब अत्याधुनिक तकनीक से ऑपरेशन आसान हो गया है।
कार्यशाला का आयोजन ग्वालियर ऑर्थोपेडिक सोसायटी द्वारा किया गया। संचालन पूर्व अध्यक्ष डॉ. दिनेश प्रसाद ने किया, जबकि सचिव डॉ. आशीष दुबे ने सप्ताह भर चले कार्यक्रमों की जानकारी दी। स्वागत प्रभारी अध्यक्ष डॉ. पुखराज गौड़ ने किया और हजीरा डिस्पेंसरी की उन्नत चिकित्सा सुविधाओं की जानकारी डॉ. जे.पी.एस. कुशवाह ने दी। आभार डॉ. समीर गोखले ने व्यक्त किया।
इस मौके पर डॉ. प्रशांत नायक, डॉ. अभिलेख मिश्रा, डॉ. आदित्य खरे सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित रहे।