ग्वालियर में कांग्रेस की राजनीति का पावर सेंटर होंगें सतीश !

(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)

ग्वालियर18जुलाई2022। कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी डॉ शोभा सतीश सिकरवार अब महापौर है डॉ शोभा की इस जीत के पीछे सतीश सिकरवार और उनका परिवार की मेहनत का परिणाम ही है जिसने 57 साल बाद महापौर के चुनाव में बीजेपी के गले में घंटी बांध दी। इस चुनाव से बीजेपी पर क्या असर होगा, इसकी चर्चा बाद में करेंगे, अभी बात करते है सतीश सिकरवार और ग्वालियर की कांग्रेस की राजनीति में उनकी भूमिका की।  शोभा सिकरवार का टिकट फायनल होने पहले और बाद में कांग्रेस में ही इसका जमकर विरोध हुआ। शहर कांग्रेस अध्यक्ष देंवेंद्र शर्मा के साथ ही उनके नजदीकी समर्थकों ने इसका पुरजोर विरोध किया और ये बातें खुलेआम सबके सामने थी मामला आलाकमान तक जा पहुंचा, लेकिन कमलनाथ अडे रहे, इतना ही नही सतीश ने कुछ वार्डों से अपने समर्थकों को टिकट दिलवाया और उनका चुनाव भी मैनेज किया। यही वजह रही कि सतीश के जिन समर्थकों को टिकट मिले, उनमें से 90 प्रतिशत चुनाव जीत गए। हांलाकि सतीश द्वारा पार्षद प्रत्याशियों को टिकट दिलवाए जाने का भी जबरदस्त विरोध हुआ था।

इस बार महापौर का चुनाव कांग्रेस की तरफ से पूरी दमदारी के साथ सतीश सिकरवार ने लडा, वो भी तब जब कांग्रेस का स्थानीय कांग्रेस के नेताओं के साथ उनके मतभेद और मनभेद रहे। इस लिहाज से सतीश सिकरवार ने अकेले ही अपनी दम पर ये चुनाव लडा, न केवल लडा बल्कि इस चुनाव को सतीश वर्सेस पूरी भाजपा सरकार बना दिया। और भाजपा प्रत्याशी को अच्छे खासे अंतर से पटखनी भी दे दी। अब प्रदेश के तीन कांग्रेसी महापौरों में से एक ग्वालियर की है जो आधी से भी ज्यादा सदी के बाद सतीश कांग्रेस के खाते में लेकर आए है। जाहिर है ये संदेश कांग्रेस के टॉप आलाकमान तक है वहीं कमलनाथ के पास भी ये जानकारी है कि ग्वालिर में चुनाव कांग्रेस ने नही बल्कि सतीश सिकरवार ने ही लडा है और उनके डॉ शोभा के चुनाव लडाने के फैसले को सही साबित किया है।

जानकार बताते है कि इस परिणाम ने अब सतीश सिकरवार का कद ग्वालियर की राजनीति में एकदम बढा दिया है और ऐसा लगता है कि आने वाले समय में शहर कांग्रेस कमेटी की भूमिका औपचारिक रहने वाली है क्योंकि कमलनाथ ग्वालियर से जुडे राजनीतिक फैसलों में सतीश सिकरवार का सलाह को पूरा महत्व देंगे, और ये भी संभव है कि शहर कांग्रेस के संगठन में भी आने वाले दिनों में फेरबदल के साथ ही सतीश गुट का दबदबा बढ सकता है।

महापौर पद सतीश सिकरवार के पास आने से अब वो केवल अपनी ग्वालियर पूर्व विधानसभा तक सीमित नही रहेंगे। अब सतीश सभी 66 वार्डों में अपना दायरा बढाने की तैयारी में है। सतीश और उनकी पत्नी डॉ शोभा खुद भी पार्षद रह चुके है सो नगर निगम में काम करने और करवाने की तरीका उन्हे बखूबी पता है वहीं चुने गए कांग्रेसी पार्षदों के अलावा नगरीय निकाय के सभी कांग्रेसी नेताओं को भी अपने क्षेत्र की समस्याओं के लिए अब सतीश से संपर्क में रहने की जरूरत है। यानि अब सतीश शहरी क्षेत्र के कांग्रेसियों के लिए जरूरत बनने वाले है। सतीश सिकरवार के पास अब विधायक के अधिकार और डॉ शोभा के रूप में महापौर के अधिकार भी है इस लिहाज से उनका प्रशासनिक दखल स्वाभाविक रूप से बढना तय है  

सतीश सिकरवार ने चुनौतीपूर्ण चुनाव को जीतकर एक तीर से कई निशाने साधे है उनकी जीत से कांग्रेस को संजीवनी और आगे लडने का हौसला मिला है कांग्रेस की ग्वालियर में थकी मांदी सी कार्यशैली को उनके जोश से निजात मिली है केवल पद पर बने रहने और काम न करने वाले नेताओं में अब डर है साथ ही काम करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं को अब सतीश के इस रूप में नया नेता नजर आ रहा है। इस लिहाज से आगामी आने वाले कुछ दिनों में ही डॉक्टर द्वय सिकरवार दंपत्ति का ललितपुर कॉलोनी निवास कांग्रेस का पावर सेंटर बनने के लिए तैयार है।  

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