
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर04अगस्त2023। 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली ग्वालियर दक्षिण सीट भाजपा के हाथ से फिसल गई है कांग्रेस के प्रवीण पाठक ने भाजपा के 3 बार के विधायक और राज्य मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को महज 121 वोटों से शिकस्त दी। चुनाव हारने के बाद से ही नारायण सिंह कुशवाह घर बैठे रहे, क्षेत्र में उनकी शक्ल कभी दिखाई नही दी।
लिहाजा इस बार भाजपा की तरफ से भी कई दावेदार मैदान में है कई खुले तौर पर दावेदारी जता रहे है तो किसी की सायलेंट तैयारी चल रही है। भाजपा के युवा नेता और 3 बार पार्षद रहे सतीश बोहरे भी ऐसे सायलेंट दावेदार की श्रेणी में है जो विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटे है और अपनी टीम तैयार कर रहे है बीते रोज सतीश बोहरे के जन्मदिन पर उनके समर्थकों का हुजूम भी इस बात के संकेत दे रहा था।
सतीश बोहरे तीन बार पार्षद और एमआईसी सदस्य रह चुके है वर्तमान में वार्ड 49 से उनकी पत्नी पार्षद है। तो चुनावी अनुभव की कमी भी उनके पास नही है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी बोहरे के अच्छे संबंध है। जिसका फायदा टिकट के सर्वे में उन्हे मिल सकता है। वहीं चुनाव हारने के बाद नारायण सिंह कुशवाह की निष्क्रियता का फायदा भी बोहरे उठा सकते है वैसे भी आंकडे बताते है कि नारायण सिंह कुशवाह जातिगत वोटों के कारण ही जीतते रहे है।
अगर कांग्रेस की तरफ से प्रवीण पाठक ही इस बार प्रत्याशी बनते है तो बीजेपी की तरफ से ब्राह्मण चेहरे के तौर पर सतीश बोहरे ही सबसे सशक्त दावेदार दिखाई पडते है। ये बात वो खुद भी जानते है
हांलाकि बीजेपी की तरफ से और भी कई नेता दावेदारी जता रहे है और अपने अपने गणित के हिसाब से तैयारी भी कर रहे है लेकिन फिलहाल जन्मदिन के बहाने ही सही सतीश बोहरे ने अपने चुनावी मैनेजमेंट की एक झलक तो पेश कर दी है। हांलाकि सतीश बोहरे मीडिया से इस बात को खुलकर नही कहते, क्योंकि वो ये भी जानते है कि भाजपा मे समय से पहले ज्यादा एक्सपोजर भी परेशानी खडी कर सकता है। बहरहाल बोहरे का जन्मदिन भाजपा के टिकट के दूसरे दावेदारों की नींद में खलल पैदा कर गया है।