
ग्वालियर। ग्वालियर में हाउसिंग बोर्ड में सूचना के अधिकार की धज्जियां उडाए जाने का मामला सामने आया है जिसमें राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बाद भी जानकारी नही दी जा रही है। हाउसिंग बोर्ड उपायुक्त एनडी अहिरवार द्वारा कार्यपालन यंत्रियों को जारी किये चेतावनी पत्रों को भी नजरांदाज कर किये जा रहे भ्रष्टाचार की जांच कराने आरटीआई फाउंडेशन के अध्यक्ष संजय दीक्षित ने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

अध्यक्ष संजय दीक्षित ने राज्यपाल को भेजे एक शिकायती ज्ञापन में कहा है कि मप्र गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल ग्वालियर वृत्त के उपायुक्त और मुख्यालय भोपाल के सतर्कता अधिकारी द्वारा इंजीनियरों के नाम जारी किये गये निर्देश पत्र क्रमांक 6795 ग्वालियर दिनांक 06.12.2022 और पत्र क्रमांक 840-844 भोपाल दिनांक 22.11.22 के माध्यम से जारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर 46 दिनों बाद भी वांछित दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये है। जबकि उपायुक्त ने सात दिवस के अंदर एडवोकेट दीक्षित को दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किये थे।

दीक्षित ने बताया कि इंजीनियरों ने थाटीपुर पुर्नघनत्वीकरण योजना सहित कई योजनाओं में शासन की गाइडलाइनों का उल्लंघन कर लगभग दो करोड रूपयों के खनिज रायल्टी और श्रमिक उपकर की राशियों का गबन किया गया है, जिससे बोर्ड के कार्यों की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।
गौरतलब है कि राज्य सूचना आयोग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराए जाने के निर्देश के बाद उपायुक्त ने कार्यपालन यंत्री को जानकारी दिलाए जाने के रिमाइँडर भी जारी किए, लेकिन अब तक जानकारी उपलब्ध नही कराई गई है।