(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर12सितंबर2023। पत्रकार से नेता बने भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व भाजपा उपाध्यक्ष प्रभात झा पिछले कुछ समय से अपनी पार्टी में ही देश प्रदेश की राजनीति से हाशिए पर रख दिए गए है। उनके पास फिलहाल पार्टी में कोई विशेष जिम्मेदारी नही है। लिहाजा उनका पूरा ध्यान अब उस ओर है जिसका विरोध भाजपा में हमेशा होता रहा है।
प्रभात झा अपने बेटे तुष्मुल को भाजपा की राजनीति में सेट करने के लक्ष्य को पूरा करने में लगे है। इस बार के विधानसभा चुनाव में तुष्मुल झा ग्वालियर दक्षिण से टिकट की दावेदारी के लिए लगातार शक्ति प्रदर्शन करने में लगे है। तुष्मुल ने अपना जन्मदिन भी चुनावी शक्तिप्रदर्शन के मोड में इस बार मनाया, वहीं जनआशीर्वाद यात्रा में भी उनका तामझाम नजर आया। लेकिन टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन के अलावा ग्वालियर दक्षिण विधानसभा में या कहीं और भी प्रभात जी के पुत्र होने के अलावा तुष्मुल झा का कोई जमीनी आधार अब तक दिखा नही है।
सिंधिया के मुखर विरोधी रहे प्रभात जी के सुर भी नर्म पड चुके है हाल ही में प्रभात जी के घर ज्योतिरादित्य सिंधिया भोज पर गए और चर्चा भी हुई। कयास लगाए गए कि ग्वालियर दक्षिण से तुष्मुल के टिकट के लिए सिंधिया की सहमति बनाने की कोशिश हुई है। प्रभात जी ने मीडिया से भी कहा कि सिंधिया जी अब हमारे वैचारिक सहोदर है कोई टकराव वाली बात नही है।
ये बात सही है कि प्रभात झा भाजपा के वरिष्ठ नेता है लेकिन भाजपा की जो रीति नीति वर्तमान में चल रही है उसमें शायद अब वो फिट नही हो पा रहे है ऐसे में समय रहते तुष्मुल की तैयारी को अपने अनुभव और संपर्को के माध्यम से टिकट तक ले जाने की जमावट में फिलहाल प्रभात जी हैं। हांलाकि दक्षिण का दंगल आसान नही है क्योंकि यहां टिकट के लिए भाजपा के कई नामचीन पहलवान जोर आजमाईश कर रहे है।
ऐसे में प्रभात जी और तुष्मुल को हमारी तरफ से शुभकामनाएं……..