रिश्वत में जमीन मांग रहा था पटवारी, फिर 1 लाख 11 हजार में राजी हुआ, 10 हजार लेते रंगे हाथों पकड़ा गया

ग्वालियर/सागर30दिसंबर2024।सागर संभाग में रिश्वखोरों पर लोकायुक्त की लगातार कार्यवाही जारी है लगभग रोज ही कोई न कोई रिश्वतखोर पकडा जा रहा है। आज संभाग के टीकमगढ जिले में रिश्वतखोर पटवारी 15 हजार रूपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकडा गया है। पटवारी के दो निजी सहयोगी भी इस मामले में आरोपी बनाए गए है। पटवारी 15 हजार रूपए की एक किश्त पहले भी ले चुका था।

सागर के लोकायुक्त एसपी योगेश्वर शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि संजीव यादव पिता सूके यादव निवासी ग्राम मझगवां तहसील मोहनगढ़ टीकमगढ़ ने शिकायत की थी कि आवेदक के पिताजी के देहांत के पश्चात उसके नाम की ज़मीन का फौती नामांतरण आवेदक एवं परिवार जनों के नाम पर होना था , जिसके लिए विधिवत आदेश होने के पश्चात हल्का पटवारी से संपर्क करने पर आरोपी पटवारी संजू रैकवार द्वारा फौती नामांतरण करने के एवज में 1,11,000 रू की मांग की गई एवं एडवांस के रूप में 15,000 रुपये ले लिए गए ।

आरोपी शेष राशि के बिना नामांतरण की प्रक्रिया करने के लिए राजी नहीं था एवं शेष राशि की मांग कर परेशान कर रहा था ।इस पर आवेदक द्वारा लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया गया तो लोकायुक्त पुलिस द्वारा शिकायत का सत्यापन कराने के उपरांत ट्रैप की कार्यवाही की गई। जिसके दौरान आरोपी पटवारी शेष बची राशि में से 10,000/- रूपये पहली किस्त के रूप में रिश्वत लेते हुए आज दिनांक 30/12/24 को रंगे हाथों पकड़ा गया।

आरोपी द्वारा आवेदक से रिश्वत राशि लेकर अपने साथी (प्राईवेट व्यक्ति )शिवम् यादव को दे दी ,जिसने उक्त राशि दूसरे साथी रतिराम पाल (प्राईवेट व्यक्ति )को दे दी ,ये दोनों आरोपी के अवैध कार्यो में सहयोग करते पाए गए अत : इन दोनों को प्रकरण में सह आरोपी बनाया जा कर अग्रिम कार्यवाही की जा रही है ।

बताया गया है कि रिश्वत की इतनी बडी राशि की डिमांड पटवारी द्वारा इसलिए की जा रही थी क्योंकि जिस जमीन का नामांतरण होना था उसकी जानकारी आवेदन को नही थी पटवारी ने ही आवेदक को इस जमीन के बारे में जानकारी दी थी और दस्तावेजों से ढूंढकर जमीन का स्टेटस पता किया था इसलिए रिश्वत की रकम इतनी ज्यादा मांगी गई।

लोकायुक्त की कार्यवाही करने वालों में निरीक्षक रंजीत सिंह लोकायुक्त सागर, उप पुलिस अधीक्षक मंजू सिंह, निरीक्षक अभिषेक वर्मा, प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक सुरेंद्र सिंह, आशुतोष व्यास,राघवेन्द्र सिंह एवं दो स्वतंत्र पंचसाक्षी शामिल रहे।

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