(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
नायब तहसीलदार के.के. भोला ने जारी किया कारण बताओ नोटिस — पहले कंप्यूटर ऑपरेटर का गला दबाने के आरोप में फँसे थे, अब पटवारी से झगड़ा
ग्वालियर, 9 अक्टूबर2025। घाटीगांव तहसील में पदस्थ रीडर प्रदीप शर्मा एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला नायब तहसीलदार मोहना कार्यालय का है, जहाँ न्यायालयीन कार्यवाही के दौरान शर्मा ने हलका पटवारी शिवनारायण के साथ अभद्रता कर दी।
न्यायालयीन कार्यवाही में मच गया हंगामा
बीते रोज नायब तहसीलदार के.के. भोला अपनी डाइस पर बैठकर पेशियाँ ले रहे थे, तभी रीडर प्रदीप शर्मा ने पटवारी से अभद्रता कर दी, जिसके बाद प्रदीप शर्मा और पटवारी शिवनारायण के बीच अचानक बहस शुरू हो गई। दोनों में तेज आवाज़ में मुंहवाद हुआ, जिससे दफ्तर में मौजूद कर्मचारी और आमजन एकत्र हो गए। झगड़ा इतना बढ़ा कि कुछ देर के लिए कार्यवाही रुक गई और कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
नायब तहसीलदार ने जारी किया नोटिस
घटना के बाद नायब तहसीलदार भोला ने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए प्रदीप शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में तीन दिन के भीतर जवाब देने के निर्देश हैं और यह भी लिखा गया है कि “आपने न्यायालय की गरिमा भंग की और पीठासीन अधिकारी के समक्ष अनुशासनहीन आचरण किया।”
पहले भी विवादों में रहा रीडर प्रदीप शर्मा
यह पहला मौका नहीं है जब प्रदीप शर्मा विवादों में आया हो। कुछ हफ़्ते पहले ही घाटीगांव तहसील कार्यालय में उसने जूनियर डाटा एंट्री ऑपरेटर संजीव पाल से झगड़ा कर लिया था। विवाद एक कंप्यूटर कीबोर्ड को लेकर शुरू हुआ और हाथापाई तक जा पहुँचा। सूत्रों के मुताबिक, संजीव पाल ने आरोप लगाया कि प्रदीप शर्मा ने उसका गला दबाने की कोशिश की।
तहसीलदार को भी दिया था टका-सा जवाब
संजीव पाल ने इस घटना की शिकायत तहसीलदार विकास भदौरिया से की थी। जब तहसीलदार ने प्रदीप शर्मा से बात की तो उसने कहा— “ये मेरा व्यक्तिगत मामला है, मैं अपने स्तर पर निपटाऊँगा।” तहसीलदार ने इस जवाब पर नाराज़गी जताई और कार्रवाई का प्रस्ताव तैयार किया, लेकिन वह फाइल आगे नहीं बढ़ सकी।
कार्यवाही के कागज़ ठंडे बस्ते में
सूत्र बताते हैं कि तहसीलदार का वह कागज़ उनके ही दफ्तर में अटका हुआ है। मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण प्रदीप शर्मा के हौसले और भी बढ़ गए हैं। यही वजह है कि अब उसने पीठासीन अधिकारी के समक्ष भी मर्यादा भुला दी।
तहसील में गरम चर्चा
इन घटनाओं के बाद अब घाटीगांव तहसील और मोहना वृत कार्यालय में प्रदीप शर्मा की चर्चा जोरों पर है। कर्मचारी वर्ग के बीच यह सवाल उठ रहा है कि आखिर बार-बार विवादों में आने वाले एक ही कर्मचारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही? वरिष्ठ अधिकारियों के सख्त निर्देशों के बावजूद अनुशासन का पालन नहीं होना पूरे प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर रहा है।
कार्रवाई की तैयारी, नजरें वरिष्ठ अफसरों पर
सूत्रों के अनुसार, यदि इस बार प्रदीप शर्मा का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, तो उच्च स्तर पर विभागीय जांच और निलंबन की कार्रवाई संभव है। वरिष्ठ अधिकारी इस पूरे प्रकरण को “गंभीर प्रशासनिक असंवेदनशीलता” मान रहे हैं। हांलाकि प्रदीप शर्मा का मैनेजमेंट भी काफी अच्छा बताया जाता है सूत्र बताते है कि उनके खिलाफ कार्यवाही के पत्र तहसील से बाहर ही नहीं निकल पाते
जनता के बीच बिगड़ती छवि
जहाँ तहसील में रोज़ाना सैकड़ों लोग अपने काम और न्याय की उम्मीद लेकर आते हैं, वहीं कर्मचारियों के इस तरह के झगड़ों से जनता में दफ्तर की छवि खराब हो रही है। लगातार विवादों से स्पष्ट है कि अब प्रशासनिक सख्ती के बिना ऐसे हालात सुधरने वाले नहीं हैं।