ग्वालियर, 11 जुलाई 2025। लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त श्री तरुण राठी ने शुक्रवार को ग्वालियर दौरे के दौरान कार्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवा में स्वास्थ्य अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। इसमें गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय अधिष्ठाता डॉ.आरकेएस धाकड़ ने प्रजेंटेंशन दिया।
प्रजेंटेशन के माध्यम से उन्होंने बताया कि ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, जनरल मेडिसिन, इमरजेंसी मेडिसिन, जनरल सर्जरी और पीडियाट्रिक में जनवरी से लेकर मई कुल 5 माह में 3 हजार 996 मरीज रेफर होकर आए हैं। जबकि इसमें से कई मरीज ऐसे हैं, जिनका नजदीकी अस्पताल में ही इलाज किया जा सकता था। अधिष्ठाता ने प्रजेंटेंशन के माध्यम से रेफरल के प्रमुख कारण बताते हुए बताया कि जिला अस्पतालों में डॉक्टर्स कानूनी प्रक्रियाओं से बचने के लिए रेफरल कर रहे हैं, क्योंकि इसके लिए उचित रेफरल प्रोटोकॉल, नीति का अभाव है। निजी अस्पतालों की सेवाओं पर प्रभावी निगरानी नहीं है। वहीं आमजन में जागरूकता की कमी और मेडिकल कॉलेज तक पहुंच आसान है। अधिष्ठाता ने रेफरल सिस्टम से जुड़ी आने वाली समस्याएं और समाधान भी बताया।
रेफरल मरीजों से उत्पन्न समस्याएं
- मेडिकल कॉलेज पर अत्यधिक भीड़, लंबा इंतजार, वार्डों में जगह की कमी।
- गंभीर मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिल पाना।
- मेडिकल संसाधनों का गलत उपयोग, जो प्राथमिक स्तर पर हल किए जा सकते हैं।
- मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रशिक्षण में बाधा।
समाधान और सुझाव - जिला और सिविल अस्पतालों को प्रशिक्षण व निगरानी के माध्यम से सशक्त बनाया जाना चाहिए।
- मेडिकल कॉलेजों को जिला स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सहायक और मार्गदर्शक की भूमिका निभानी चाहिए।
- जनजागरूकता अभियान चलाकर नागरिकों को निकटतम अस्पतालों से इलाज के लिए प्रेरित करना चाहिए।
- रेफरल सिस्टम की लेखापरीक्षा और निगरानी नियमित रूप से की जाए ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो।