ग्वालियर। म.प्र. चिकित्सा शिक्षा विभाग में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों और आईएएस अधिकारियों की नियुक्ति का विरोध शुरू हो गया है। प्रोग्रेसिव मेडीकल टीचर्स एसोसिएशन ने इसकी पहल की है और इसके संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और चिकित्सा शिक्षा मंत्री कैलाश सारंग को पत्र भी लिखा है।
इस पत्र के माध्यम से एसोसिएशन ने सामने आने वाली परेशानियों का उल्लेख किया है और कहा कि इस तरह का नियुक्तियों से मेडीकल कॉलेज 50 साल पीछे चले जाएंगे। एसोसिएशन का कहना है कि चिकित्सा शिक्षा और अस्पतालों में उचित प्रबंधन की आवश्यकता है और इसके लिए प्रोफेशनल की जरूरत है न कि प्रशासकीय अधिकारियों की। हॉस्पीटल ऐडमिनिस्ट्रेशन और हॉस्पीटल मैनेजमेंट में स्किल्ड डॉक्टर से बेहतर कोई और विकल्प इस संदर्भ में नही हो सकता है।
पत्र के माध्यम से ऐसोसिएशन का कहना है कि चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रशासकीय अधिकारियों की नियुक्ति से चिकित्सकीय सेवा और शैक्षणिक स्तर गिरने की पूरी आशंका है वही शैक्षणिक महाविद्यालय में इस प्रकार की नियुक्तियों से आपसी कलह और भ्रष्टाचार की भी आशंकाएं भी बढ़ती हैं
इसे लेकर प्रोग्रेसिव मेडीकल टीचर्स एसोसिएशन ने हाल ही में लागू पुलिस कमिश्नर प्रणाली का उदाहरण भी दिया है कि जिस तरह इस प्रणाली ने पुलिस विभाग को मजबूत किया है वही आवश्यकता आज चिकित्सा क्षेत्र में भी महसूस की जा रही है।
प्रोग्रेसिव मेडीकल टीचर्स ऐसोसिएसन की इस मांग का मेडीकल टीचर्स ऐसोसिएशन ने भी समर्थन किया है।