प्रदेश के मेडीकल टीचर्स-डॉक्टर्स आँदोलन की राह पर,27 जनवरी को ग्वालियर से शुरू होगी चिकित्सक संपर्क यात्रा, 38 जिलों-13 मेडीकल कॉलेजों से होकर भोपाल पहुंचेगी

सांकेतिक फाइल फोटो

आखिर मध्य प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सक क्यों कर रहे हैं यात्रा और आंदोलन ??

ग्वालियर26जनवरी2023।मध्य प्रदेश के चिकित्सा स्तर का देश की सूची में लगातार निचले पायदान में आना, लगातार चिकित्सकों का शासकीय चिकित्सालयों/मेडिकल कॉलेजों से नौकरी छोड़ना, हर स्तर( गांव, ब्लॉक, तहसील, जिला, मेडिकल कॉलेज) पर विषय विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, उचित इलाज से वंचित प्रदेश की जनता, पिछले 20 वर्षों से कार्य स्थल में उचित चिकित्सीय आधारभूत संसाधनों की कमी एवं करियर उन्नयन से वंचित व असंतुष्ट चिकित्सीय संवर्ग तथा प्रदेश के गौरवशाली चिकित्सा संस्थानों में नॉन टेक्निकल(गैर चिकित्सीय) प्रशासकों का हस्तक्षेप एवं उपेक्षा से साल दर साल पतन को देखते हुए म. प्र. शासकीय/स्वशासी चिकित्सक महासंघ ने विगत 7 जनवरी को समस्त संबंधित उच्च प्रशासनिक अधिकारियों एवं विभागवार मंत्री महोदय को वार्ता एवम् उचित निर्णय हेतु 1 माह का समय प्रदान किया है।
पिछले 10 वर्षों से विभिन्न चिकित्सीय संगठनों द्वारा लगातार अनेक पत्रों, समाचार पत्रों के लेखों, टेलीविजन वार्ता एवं वरिष्ठ जनों द्वारा उक्त विषयों पर प्रशासन के ध्यानाकर्षण की पुरजोर कोशिश की गई परंतु आज तक किसी जिम्मेदार का वार्ता हेतु निमंत्रण नही आया।
विवश होकर महासंघ के बैनर तले प्रदेश के चिकित्सा स्तर को बेहतर करने समस्त शासकीय/स्वशासी चिकित्सकों ने दिनांक 27 जनवरी 2023 को सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे के बीच पुराना कॉलेज ऑडिटोरियम, पहली मंजिल, गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय, ग्वालियर से प्रदेशव्यापी चिकित्सक संपर्क यात्रा निकलने का निर्णय लिया, यात्रा का समापन दिनांक 7 फरवरी 2023 को भोपाल में होगा।

यात्रा ग्वालियर, मुरैना, अम्बाह, भिंड, दतिया, शिवपुरी, ओरछा, निवारी, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, कटनी, सिवनी, छिंदवाड़ा, बैतूल, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, शाजापुर, देवास, इंदौर, ब्यावरा, विदिशा, सागर, दमोह, रायसेन होते हुए मध्य प्रदेश के 38 जिलों के सीएचसी,पीएचसी,जिला अस्पतलों एवं 13 मेडिकल कॉलेजों से गुजरते हुए भोपाल पहुंचेगी।
इस दौरान वार्ता ना होने पर या निष्कर्ष विहीन वार्ता होने की स्तिथि में फरवरी माह के प्रथम सप्ताह के पश्चात प्रदेश व्यापी चिकित्सीय कार्यबंद आंदोलन का मजबूरन निर्णय लिया जाएगा,
आप सभी के माध्यम से पिछले 20 दिनों से भी लगातार समाचार पत्रों में लेख एवं पत्राचार से वार्ता हेतु आग्रह किया गया है, उम्मीद है प्रशासन जागेगा और प्रदेश के चिकित्सा स्तर को देश ही नहीं अपितु विश्व में सर्वश्रेष्ठ बनाने हेत उचित निर्णय लेगा।

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