बिजली की समस्या से कांग्रेस ही नही भाजपा नेता भी परेशान, लेकिन मंत्री जी बोले…प्रदेश में बिजली की शानदार स्थिति

ग्वालियर23सितंबर2023।ग्वालियर में बिजली को लेकर कांग्रेस ही नही बल्कि बीजेपी के नेता भी परेशान है बिजली कटौती, ट्रिपिंग और अनाप शनाप बिलों को लेकर लगातार बीजेपी को घेरा जा रहा है लेकिन समस्या सुलझने के बजाए बढती ही जा रही है।

उर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह के बंगले पर ही कांग्रेस कई बार बिजली के मुद्दे पर धरना प्रदर्शन आंदोलन कर चुकी है खुद लघु उधोग निगम की मंत्री इमरती देवी मंत्री को इस मुद्दे पर घेर चुकी है बीज विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल भी बिजली समस्या पर अपनी बात सार्वजनिक कर चुके है। लेकिन उर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह फीलगुड में है। उनके हिसाब से कोई समस्या मध्यप्रदेश में बिजली की है ही नही।

उर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह ने कागजों पर बिजली की शानदार स्थिति और अधिकारियों को कर्तव्यनिष्ठ बताने के लिए प्रेसवार्ता ग्वालियर में बुलाई, और मीडिया के सामने आँकडे पेश कर विभाग प्रमुख होने के नाते खुद की पीठ भी थपथपाई। लेकिन जब मीडिया ने सवाल जबाब किए तो मंत्री जी हमेशा की तरह उन्हे टालते और गोलमोल करते दिखे।

मंत्री के हिसाब से तो मध्यप्रदेश ने उर्जा के क्षेत्र में बेहतर स्थिति बनाई है और भाजपा सरकार के कार्यकाल में पूरे राज्य में बेहतर और सर्वत्र बिजली उपलब्ध है। राज्य के विघुत उपभोक्ताओं के एक किलोवाट के विघुत कनेक्शनों पर बकाया राशि स्थगित की गई है, यह राशि लगभग 4015 करोड़ रूपये हैं। इससे उपभोक्ताओं को सीधी राहत मिली है।

अब आपके सामने वो जानकारी प्रस्तुत कर रहे है जो मंत्री जी ने शनिवार को अपने विभाग की उपलब्धियों का बखान करते हुये बताई है कि बिल स्थगित किये जाने से ग्वालियर शहर के 60161 और ग्रामीण क्षेत्र 69274 उपभोक्ताओं को सीधा लाभ हुआ है। यह राशि 238 करोड़ रूपये है। तोमर ने बताया कि हमने पूरे राज्य में बिजली की सर्वत्र उपलब्धता और गुणवत्ता पर ध्यान दिया हैं। जगह-जगह ट्रांसफार्मर, नई लाईनें बिछाई गई हैं, जिससे विद्युत फाल्ट में भी कमी आई है।

तोमर ने बताया कि प्रदेश में विघुत क्षेत्र के विकास और विस्तार के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसे सुनिश्चित करने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। विगत वर्षों में विद्युत उपलब्धता में वृद्धि हेतु किये गये प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश विद्युत के क्षेत्र में पूर्णतः आत्मनिर्भर हो गया है। वर्तमान में प्रदेश की विद्युत उपलब्ध क्षमता 22730 मेगावाट है। प्रदेश में औद्योगिक, वाणिज्यिक सहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे तथा कृषि उपभोक्ताओं को लगभग 10 घंटे विद्युत प्रदाय की जा रही है। वर्तमान रबी मौसम में 25.12.2022 तक 16696 मेगावाट की अधिकतम विद्युत मांग की सफलतापूर्वक पूर्ति की गई, जो प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है।

उर्जा मंत्री तोमर के अनुसार प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 8670 करोड़ यूनिट विघुत प्रदाय किया गया, जो विगत वित्तीय वर्ष से 305 करोड़ यूनिट अर्थात 3.7 प्रतिशत अधिक है। प्रदेश में सुचारू विद्युत प्रदाय व्यवस्था बनाये रखने के लिये राज्य शासन कृतसंकल्पित है।

भविष्य में मांग वृद्धि के अनुसार अधोसंरचना के निर्माण एवं पर्याप्त विघुत उपलब्धता सुनिश्चित करते हुये उपभोक्ताओं को सही वोल्टेज पर गुणवत्तापूर्ण विघुत प्रदाय करने के उददेश्य से पर्याप्त व्यवस्था की गई है।

वितरण अधोसंरचना में उपयोग होने वाले ट्रांसफार्मर, मीटर, केबल आदि की गुणवत्ता सुधार हेतु प्रथम चरण में जबलपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन एवं ग्वालियर में इन हाउस परीक्षण प्रयोगशालायें स्थापित की गई है। दूसरे चरण में सतना, छिंदवाड़ा, सागर, गुना एवं बड़वाह में प्रयोगशालाओं की स्थापना की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है।

प्रदेश की पारेषण लाईनों की टाप पेट्रोलिंग के कार्य में अब नवीनतम ड्रोन टेक्नोलाजी का उपयोग शुरू किया गया है, जिससे मानवीय संसाधनें की बचत होगी एवं लाईनों के संधारण का कार्य त्वरित एवं सटीक हो सकेगा।

श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना, खंडवा में 600 मेगावाट की इकाई क्रमांक 1 द्वारा 19.11.2021 से 10.07.2022 तक अर्थात 233 दिन तक अनवरत विघुत उत्पादन का कीर्तिमान स्थापित किया गया। इस मौके पर विघुत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी नितिन मांगलिक, दिनेश सुखीजा आदि भी उपस्थित थे। 

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