
( लेखक सतेंद्र पाल सिंह (एस.पी.सिंह) गणित के अध्यापक और वर्तमान में मिसहिल हायर सेंकेंडरी स्कूल,ग्वालियर के प्रिंसिपल है साथ ही अध्यापन में 35 वर्ष का अनुभव रखते हैं)
ग्वालियर15फरवरी2023। परीक्षाओं की मौसम शुरू होने वाला है विधार्थियों लिए ये मौसम आमतौर पर तनाव लेकर आता है इस वजह से कुछ शारीरिक दिक्कतें भी विधार्थी महसूस कर सकते है परीक्षाओं में इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए प्रबंधन से बेहतर कुछ नही है। प्रबंधन एक ऐसा शब्द है जिसे पढने पर ही विश्वास महसूस होता है
हांलाकि प्रबंधन से पहले बात परीक्षाओँ में तनाव के मूल कारणों पर करें तो अक्सर यह बात भी मन में आती है कि यदि परीक्षा में बेहतर अंक नहीं आए तो दोस्तों और परिवार के सदस्य की नजरों में गिर जाऊंगा, अच्छे संस्थान में एडमिशन नहीं मिलेगा। ऐसी बातों को लेकर परेशान न हों, खुद पर विश्वास रखें और यह सोचें कि जब आपने ईमानदारी से इतनी मेहनत की है या कर रहे हैं तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। परीक्षा और इसके परिणाम को लेकर हमेशा सकारात्मक रहें और इसे लेकर अपने दिमाग पर अधिक दबाव न डालें। कोई भी परफैक्ट नहीं होता और टॉपर भी यह दावा नहीं कर सकता कि उसकी पूरे सिलेबस पर पकड़ है।
बोर्ड परीक्षाएं किसी छात्र के बेहतर भविष्य के लिए ही तैयार की जाती है इन परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर अच्छे कोर्स और संस्थान में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करता है हांलाकि अच्छे अंकों का दबाब कई बार छात्रों पर मानसिक दबाब बनाता है जिससे साल भर की अपनी तैयारी पर उनका विश्वास डगमगा जाता है। इनका असर परीक्षाओं के परिणाम पर पड़ता स्वाभाविक है हर पेपर को लेकर तनाव, सिलेबस अधूरे रह जाने का तनाव, प्रश्नों को लेकर तमाम तरह की चिंताएँ सामान्य नींद तक को प्रभावित करती देती है।
अब मूल सवाल यही है कि ऐसा क्या करें कि तनावरहित मन के साथ परीक्षा परिणाम भी अनुकूल आए। ये बात भी पूरी तरह साफ है कि अत्याधिक तनाव अनुकूल परिणाम देने वाले स्थितियां नही बनने देता। इसलिए इस बात को समझें कि मेहनत और धैर्य ही बेहतर परिणाम हासिल करने की कुंजी है।
आमतौर पर परीक्षाओं में विधार्थियों की दिनचर्या बिगड जाती है और वो खुद के प्रति ज्यादा लापरवाह भी हो जाते है सोने जागने का समय बिगड जाता है खाने पीने का शेड्यूल भी सामान्य नही रहता है केवल पढ़ाई करते रहने से शरीर पर बुरा असर पड़ता है, ऐसी समस्याओं से बचने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ शरीर को भी पर्याप्त आराम देने की जरूरत है। पौष्टिक भोजन करें, नियमित व्यायाम करें और समय का प्रबंधन सही ढंग से करें, जिससे पढ़ाई को लेकर तनाव न हो। इससे मानसिक शांति मिलेगी और छात्र अपने विषय को सही तरीके से याद कर पाएंगे।
ये सभी विधार्थियों के लिए एक सामान्य मैनेजमेंट है अगर इसे समझकर व्यवहार में भी ला पाएं तो कई समस्याएं परीक्षा के दिनों में अपने आप ही खत्म हो जाती है