
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर28अक्टूबर2023। म.प्र. में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे प्रभात झा फिलहाल पार्टी के हाशिए के भी कोने पर नजर आ रहे है। उनके पास पार्टी द्वारा दी गई कोई जिम्मेदारी फिलहाल नही है। मध्यप्रदेश के चुनावी रण में भी प्रभात झा घर बैठे हुए है। वहीं अपने पुत्र तुष्मुल को टिकट दिलाने की उनकी कोशिश भी कामयाब नही हो सकी।
भाजपा में टिकट वितरण से पहले प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा चुनाव लडने की तैयारी कर रहे थे टिकट मिले, इसके लिए जन्मदिन को जलसा बनाने से लेकर जनआशीर्वाद यात्रा में तुष्मुल ने पूरी ताकत के साथ शक्ति प्रदर्शन दिखाने की कोशिश की, होर्डिंग बैनर से दक्षिण विधानसभा को पाट दिया था प्रभात झा भी चाहते थे कि किसी तरह टिकट हो जाए। बीच में ऐसा लगा कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इसमें मदद कर सकते है तो प्रभात जी ने अपने घर भोजन पर सिंधिया से मुलाकात की, तुष्मुल भी सिंधिया से मिले। खुद प्रभात झा ने कहा कि चुनाव का समय है तो चुनावी चर्चा ही होगी। लेकिन ये मुलाकात भी तुष्मुल के टिकट के लिए निष्फल साबित हुई।
वहीं भाजपा ने मध्यप्रदेश चुनाव के लिए कल स्टार प्रचारकों की जो सूची जारी की, उसमें से भी प्रभात झा का नाम शामिल नही किया गया। जबकि ग्वालियर से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह, सिंधिया और जयभान सिंह पवैया के ही नाम स्टार प्रचारक माने गए। जबकि एक समय प्रभात झा का नाम भाजपा के लिए संकटमोचक माना जाता था चुनाव से पहले घोषणा पत्र समिति में जरूर उन्हे स्थान दिया गया था लेकिन वो भी उपसंयोजक बनाकर….संयोजक जयंत मलैया बनाए गए। चर्चा थी कि इससे भी प्रभात झा का मन खिन्न रहा।
पार्टी में चर्चा ये भी है कि सिंधिया के कांग्रेस में रहते एक समय जब प्रभात उनके खिलाफ आग उगल रहे थे और बाद में जब सिंधिया भाजपा में ही शामिल हो गए। तब से प्रभात के तेवर और भाजपा के लिए उनकी महत्ता दोनों ही ठंडे हो गए। निर्ममता का दूसरा नाम राजनीति है…पत्रकार से नेता बने प्रभात जी से बेहतर इसे कौन समझेगा……..