
संविधान हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण और उपयोगी दस्तावेज़ है। यह हमारे देश के नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और स्वतंत्रता की रक्षा करता है। भारतीय संविधान की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि इसके निर्माण के समय थी। भारतीय संविधान ने हमारे देश को एक संघीय लोकतंत्र बनाया है, जहां सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान किए जाते हैं। संविधान ने हमारे देश की विविधता और सामाजिक ‘बहुलता को बनाए रखने में मदद करता है।आज के समय में, जब दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा की आवश्यकता है, भारतीय संविधान की प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ जाती है। यह संविधान हमें यह याद दिलाता है कि हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए नागरिकों को अपने अधिकारों के साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना होगा। इसलिए, हमें भारतीय संविधान के महत्व को समझना चाहिए और इसके सिद्धांतों का पालन करना चाहिए। हमें अपने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए एकजुट होना चाहिए। एक रहकर ही हम लोग सुरक्षित, समृद्ध और संपन्न समाज के रूप में विश्व में अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं। इसलिए मन वचन और कम से हमें संविधान के मूल्यों को अपनाना चाहिए। संविधान को क्षतिग्रस्त करने के जो प्रयास समय-समय पर निहित स्वार्थ द्वारा किए जाते हैं उन्हें भी बेनकाब करते रहना चाहिए। हमारा संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जिसमें राष्ट्र की नवीनतम आवश्यकताओं के अनुरूप अपने आप को बदलने और ढालने की क्षमता है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव रखा, जिसे संसद में पारित किया गया। यह एक महत्वपूर्ण निर्णय था जिसने जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त कर दिया।इसके पीछे अनेक कारणों में से एक यह था कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू और कश्मीर में व्यवस्था,विकास और प्रगति में बाधाएं आ रही थीं। इस अनुच्छेद के कारण जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था, जिससे वहां के निवासियों को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त थे। हालांकि, इस निर्णय के विरोध में भी कई आवाजें उठाई गईं। निहित स्वार्थियों का मानना था यह निर्णय ‘जम्मू और कश्मीर की स्वायत्तता को कम करेगा और वहां के निवासियों के अधिकारों को प्रभावित करेगा। इस निर्णय के बाद, जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया – जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख । इस निर्णय के परिणामस्वरूप, जम्मू और कश्मीर में विकास और प्रगति के नए अवसर खुल गए हैं। सकारात्मक संशोधन का एक और अनुपम उदाहरण है। संविधान के 106वें संशोधन से महिलाओं को आरक्षण दिया गया है, जो कि एक महत्वपूर्ण कदम है महिला सशक्तिकरण की दिशा में। इस संशोधन के तहत, लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया।यह संशोधन महिलाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा और उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ने में मदद करेगा। इसके अलावा, यह संशोधन महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो कि भारत के विकास के लिए आवश्यक है। यह संशोधन 28 सितंबर 2023 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा अपनी सहमति देने के बाद लागू हुआ। यह संशोधन महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में अधिक प्रतिनिधित्व प्रदान करेगा। ऐसा नहीं है कि संवैधानिक प्रावधानों के दुरुपयोग के उदाहरण मौजूद न हों। इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाने का निर्णय एक विवादास्पद घटना थी जिसे संवैधानिक इतिहास में एक बुरे उदाहरण के तौर पर याद किया जाता है। यह निर्णय 25 जून 1975 को लिया गया था, जब इंदिरा गांधी ने राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद से अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा करने का अनुरोध किया था।आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी ने विपक्षी दलों और नेताओं को कैद कर लिया, प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिया, और नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया। यह भारतीय राजनीति के इतिहास में एक काली अवधि है । आपातकाल के दौरान, इंदिरा गांधी ने अपने विरोधियों को दबाने और अपनी शक्ति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने अपने बेटे संजय गांधी को अपना उत्तराधिकारी बनाया और उन्हें महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया। आपातकाल की घोषणा के बाद, इंदिरा गांधी ने 1977 में चुनाव कराने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा, और जनता पार्टी के नेतृत्व में एक नई सरकार बनी। आपातकाल की घटना ने भारतीय राजनीति और इतिहास पर एक गहरा प्रभाव डाला। इसने जिस तरह भारतीय लोकतंत्र की मजबूती और संविधान के प्रति सम्मान की आवश्यकता को रेखांकित किया,इसका उदाहरण विश्व इतिहास में अन्यत्र मुश्किल से ही मिलता है।
(कैलाश विजयवर्गीय मध्यप्रदेश शासन में कैबिनेट मंत्री हैं उपरोक्त लेख उनके द्वारा लिखा गया है।)