(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर15 सितंबर2022।ग्वालियर में आज ऐलीवेटेड रोड सहित अन्य प्रोजेक्टों के शिलान्यास एंव लोकार्पण कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ, कार्यक्रम में ग्वालियर के लिए कई सौगातों की घोषणा की गई, लंबे चौडे प्रोजेक्ट प्रस्तावित किए गए, लेकिन राजनीति का शिकार होने से भी ये कार्यक्रम बच नही पाया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्यि सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह सहित प्रदेश सरकार के कई मंत्री और नेता नजर आए, लेकिन ग्वालियर में आयोजित इस कार्यक्रम में ही ग्वालियर के ही कई बडे और मूल भाजपाई नेता नजर नही आए। जिनमें पूर्व सांसद और मंत्री जयभान सिंह पवैया, माया सिंह, अनूप मिश्रा, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा, पिछडा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाह और अनूसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य जैसे नाम शामिल है
ग्वालियर सांसद रहे पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया फिलहाल संगठन में महाराष्ट्र के सहप्रभारी भी है जिस ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में ये कार्यक्रम आयोजित हुआ, पवैया वहीं से विधायक और मंत्री भी रहे है लेकिन ग्वालियर में होने के बाद भी कार्यक्रम में नजर नही आए। सूत्र बताते है कि पवैया को इस कार्यक्रम के लिए कोई आमंत्रण नही दिया गया और न ही उन्हे फोन या अन्य किसी माध्यम से सूचित किया गया है। सूत्र ये भी बताते है कि पवैया को जानबूझकर इस कार्यक्रम से अलग रखने की कोशिश कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभाल रहे दो मंत्रियों की तरफ से की गई है।
गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सिंधिया खेमे के कई मंत्री और समर्थक मंच पर नजर आए, लेकिन ग्वालियर के ही मूल भाजपाई बडे नेता नही दिखे, जिससे आने वाले दिनों में भाजपा में राजनीति गर्मा सकती है क्योंकि ऐलीवेटेड रोड और इससे जुडे अन्य प्रोजेक्टों का श्रेय अप्रत्यक्ष रूप से केंद्रीय मंत्री सिंधिया को दिया जा रहा है और उनके समर्थक मंत्री विधायक भी इसे लगातार प्रोजेक्ट कर रहे है ऐसे में इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्वालियर के पुराने भाजपाई नेताओं की अनदेखी जानबूझकर की गई सी नजर आती है। अगले साल मध्यप्रदेश में चुनाव है ऐसे में जानबूझकर या अंजाने में की गई गलतियां भाजपा के लिए भारी पड सकती है।
हांलाकि प्रधुम्न सिंह और पवैया के बीच ग्वालियर विधानसभा सीट पर ही बीजेपी और कांग्रेस में रहने के दौरान चुनावी मुकाबले होते रहे है जिसमें पवैया और प्रधुम्न दोनों एक दूसरे को हरा चुके है। लेकिन बीच में दोनों के हाथ मिलते रहे, प्रधुम्न के प्रचार में भी पवैया बडा दिल दिखाते हुए नजर आए थे वहीं इस कार्यक्रम को देखते हुए लगता है कि हाथ मिले लेकिन दिल नही मिल पाए।
हांलाकि सिंधिया प्रदेशभर में सभी मूल भाजपाई नेताओं से लगातार मेल मुलाकातें कर रहे है उनके सुख दुख के कार्यक्रम में शामिल हो रहे है ऐसे में इस तरह की गडबडिया कही न कही बीजेपी में ही मूल भाजपा और सिंधिया समर्थक भाजपा के बीच द्वंद की कहानी गढने की इबारत बन सकती है। वहीं प्रदेश सरकार के मंत्री प्रधुम्न सिंह और तुलसी सिलावट को भी कार्यक्रम में हुई इस राजनीतिक सांप सीढी को लेकर आलाकमान को सफाई देनी पड सकती है। वहीं ये भी संभव है इसका ठीकरा सरकारी मशीनरी पर फोड दिया जाए।