(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर28जनवरी2024। नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाडे पर कोर्ट के आदेश पर चल रही सीबीआई जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। कई कॉलेज तो केवल कागज पर ही थे कुछ इसी तरह की कहानी पिछले कई सालों से जीवाजी विश्वविधालय के अधीन आने वाले अंचल के बीएड कॉलेजों में भी बनी हुई है। लेकिन सांठगांठ से फर्जीवाड़ों पर पर्दा डला हुआ है। जिसमें कॉलेज संचालक तो जिम्मेदार हैं ही, लेकर विश्वविधालय स्तर पर भी अधिकारियों की कार्यप्रणाली पूरी तरह संदेह के घेरे में है।
जीवाजी विश्वविधालय के अधीन अंचल में लगभग 208 निजी बीेएड कॉलेज हैं इन बीएड कॉलेजों में प्रिंसिपल और टीचिंग स्टाफ की भर्ती से लेकर नॉन अटैंडिग और नॉन प्रेक्टिकल विधार्थियों के नाम पर बडा फर्जीवाडा है। इसके अलावा अन्य राज्यों के विधार्थियों के कोेटे से लेकर अन्य राज्यों के शासकीय शिक्षकों की अपने कॉलेजों में नियुक्ति को लेकर भी बडे स्तर पर गडबडियां हो रही है लेकिन विश्वविधालय प्रशासन ने भी आंखों पर पट्टी बांध रखी है।इसी तरह की गडबडियां माध्यमिक शिक्षा मंडल के अधीन संचालित डीएलएड स्कूलों में भी है।
इस बार सरकार के मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके मोहन यादव है तो एक बार फिर बीेएड और डीएड के फर्जीवाडों की कहानी ऊपर तक पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो चुका है वहीं कुछ लोग मामले को न्यायालय में ले जाने की तैयारी में है
डीएड और बीएड के संचालन में हो रही गडबडियों और फर्जीवाडों की सिलसिलेवार खबरें आप तक लाने का प्रयास किया जा रहा है। ये खबर आपके लिए भी जानना जरूरी है क्योंकि आपके बच्चों को पढाने वाले शिक्षक खुद शिक्षा प्रणाली को कितना समझते है ये आज के दौर में बेहद महत्वपूर्ण है.