औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि को सम्पत्ति कर से मुक्त रखा जाए-MPCCI

मुख्यमंत्री-श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री द्वय-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित नगरीय विकास एवं आवास मंत्री-श्री भूपेन्द्र सिंह को प्रेषित किए पत्र

ग्वालियर, 24 दिसम्बर 2022। राज्य में समूचे उद्योग क्षेत्रों में संचालित सभी औद्योगिक इकाईयों को नगरीय-निकाय कर (सम्पत्ति कर) से छूट प्रदान किए जाने हेतु आज चेम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री-माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्रीद्वय-माननीय श्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं माननीय श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित नगरीय विकास एवं आवास मंत्री-माननीय श्री भूपेन्द्र सिंह को पत्र प्रेषित किए हैं ।
MPCCI अध्यक्ष-विजय गोयल, संयुक्त अध्यक्ष-प्रशांत गंगवाल, उपाध्यक्ष-पारस जैन, मानसेवी सचिव-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-ब्रजेश गोयल एवं कोषाध्यक्ष-वसंत अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अवगत कराया है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में नवीन निवेश हेतु निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ऐसे उद्योग जो कि राज्य सरकार के उद्योग विभाग द्वारा विकसित किए गए औद्योगिक क्षेत्रों में वर्षों से संचालित हैं, उन्हें दोहरे कर के रूप में नगर-निगम को सम्पत्ति कर एवं डीआईसी अथवा औद्योगिक विकास निगम को लीज रेंट देना होता है ।  राज्य में उद्योगों पर इस दोहरे करारोपण से उद्योगों को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है ।
पदाधिकारियों ने कहा है कि इस संबंध में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के प्रमुख सचिव, श्री मनु श्रीवास्तव जी द्वारा प्रमुख सचिव, नगरीय विकास एवं आवास विभाग को पत्र प्रस्तुत कर, एमएसएमई इकाईयों को सम्पत्ति कर से मुक्त रखे जाने हेतु म. प्र. नगर-निगम अधिनियम 1956 की धारा 136 व म. प्र. नगर पालिका अधिनियम, 1961 की धारा 127 क (2) का उल्लेख करते हुए औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि को संपत्ति कर से छूट रखे जाने का निम्नानुसार उल्लेख किया गया है –
“सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के अन्तर्गत राज्य के अनेक स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्र स्थित हैं । इन औद्योगिक क्षेत्रों का स्वत्व राज्य शासन में निहित है । इन औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों को निर्धारित शर्तों पर 30 वर्ष की अवधि के लिए लीज दी गई है । तथापि प्रश्‍नाधीन भूमि का स्वत्व राज्य शासन में ही निहित है ।”
“अतः म. प्र. नगर-निगम अधिनियम,1956 की धारा-136 व म. प्र. नगर पालिका अधिनियम,1961 की धारा 127 क (2) अंतर्गत प्रश्‍नधीन भूमि पर संपत्ति कर की छूट है, जबकि जल कर सामान्य स्वच्छ कर, सामान्य प्रकाश कर व सामान्य अग्नि कर देय है ।”
बावजूद इसके राज्य में सभी स्थानीय निकायों द्वारा औद्योगिक इकाईयों से सम्पत्ति कर की लगातार वसूली की जा रही है और उद्योग विभाग द्वारा लीज रेंट वसूल किया जा रहा है । यानि कि उद्योगों को दोहरे करारोपण का सामना करना पड़ रहा है ।

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