JAH का ऑक्सीजन सिलेंडर कांडः वास्तव में चोरी हुए या फिर सिलेंडर अस्पताल में आए ही नही ?

(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)

ग्वालियर। ग्वालियर के जीआर मेडीकल कॉलेज से संबद्ध जयारोग्य अस्पताल समूह से कोरोनाकाल में मरीजों की जान बचाने के लिए मंगाए गए ऑक्सीजन सिलेंडरों में से 370 ऑक्सीजन सिलेंडर सनसनीखेज तरीके से गायब होने के मामले में अब समय बीतने के बाद कई पेंच और खामियां नजर आ रही है। जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने इस मामले में एफआईआर जरूर दर्ज कराई है लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि जितने सिलेंडर चोरी जाना बताए जा रहे है। वो कभी अस्पताल में आए ही नही। यानि 370 ऑक्सीजन सिलेंडर फिजीकल रूप से अस्पताल में थे ही नही।

कोरोना की पहली लहर से ज्यादा दूसरी खतरनाक थी इस दौरान मरीजों को ऑक्सीजन की काफी जरूरत थी लिहाजा कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान जयारोग्य अस्पताल समूह में करीब 600 ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए जाने का दावा किया किया गया, और उनमें से 370 सिलेंडर चोरी होना बताए जा रहे है। लेकिन इसका पता भी कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के दौरान चला, जिसके बाद दिसंबर 2021 में कंपू थाने में JAH प्रबंधन ने एफआईआऱ दर्ज कराई। यानि महज तीन महीने पहले।

क्या ऑक्सीजन सिलेंडर आए ही नही ?

जयारोय अस्पताल समूह और जीआर मेडीकल कॉलेज के सूत्रों के हवाले से खबर ये है कि जितने ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई गई है उतने सिलेंडर वास्तविक रूप से अस्पताल में पहुंचे ही नही। इस  बात को यूं भी बल मिलता है कि इतनी बडी संख्या में ऑक्सीजन सिलेंडर गायब हो गए या होते रहे और उसका पता किसी को भी नही चले, इसकी संभावना पूरी तरह शून्य है। चर्चा ये भी है पूरी कहानी की जानकारी मेडीकल कॉलेज और अस्पताल प्रबंधन के आलाकमानों को भी है

कोरोना की आपदा में अवसर तो नही ?

सिलेंडर गायब होने के पीछे आपसी चर्चा में तर्क ये दिया जा रहा है कि कोरोना की महामारी में मरीजों को बचाना ज्यादा जरूरी थी, आपाधापी मची थी, ऐसे में मरीजों के अटेंडर या अन्य लोग सिलेंडर ले गए होंगे। या फिर जयारोग्य से प्रायवेट अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों के साथ एंबुलेंस में चले गए होंगे, सूत्रों की मानें तो इन्ही तर्कों के सहारे कहानी तैयार की गई है ताकि कोरोना की आपदा का आवरण सिलेंडरों पर डाला जा सके और कुछ लोग इस पर विश्वास कर भी रहे है।  लेकिन 10-15-20 या 25 सिलेंडर चोरी नही हुए बल्कि 370 सिलेंडर गायब हुए है। आमतौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर 5 हजार से 12 हजार तक की कीमत के होते है इस हिसाब से अगर ऐवरेज 8 हजार रूपए एक सिलेंडर की कीमत मानी जाए, तो गायब सिलेंडरों में करीब 29 लाख रूपए का खेला होने की बात सूत्रों के हवाले से आ रही है। अब ये खेला किसके स्तर पर हुआ, इसके लिए रिफिल करने वाले ठेकेदार, प्लांट पर काम करने वाले और अस्पताल में सिलेंडर की डायरेक्ट डीलिंग करने वालों को भी जांच के दायरे में लाने की जरूरत है

सिलेंडर गायब होते रहे और सुरक्षा गार्ड, वार्ड बॉय, नर्स, डॉक्टर सोते रहे !

सवाल ये भी उठता है कि इतनी बडी संख्या में सिलेंडर गायब होने का पता एक साथ और कोरोना की तीसरी लहर की तैयारी के समय ही क्यों चला, दूसरी लहर के बाद और तीसरी लहर के पहले सिलेंडरो का मसला क्यों नही आया। सवाल ये भी है कि ऑक्सीजन सिलेंडर ऐसी चीज नही जिसे कोई जेब में रखकर ले जा सके, तो फिर जब सिलेंडर चोरी या गायब हो रहे थे तब क्या एक भी ऐसा व्यक्ति नही था जिसने सिलेंडर ले जाने वाले व्यक्ति को रोका टोका हो, सवाल ये भी है कि जब ऑक्सीजन की क्रायसिस चल रही थी और सिलेंडर गायब या चोरी होते जा रहे थे तब भी किसी का ध्यान क्यों नही इस तरफ गया। सवाल ये भी है कि क्या 370 सिलेंडर कोई एक साथ ही ट्रकों में भरकर ले गया और उसे किसी ने नही देखा और अगर एक एक करके सिलेंडर चोरी या गायब हुए तो ये भी गजब है कि आज तक एक भी सिलेंडर चोर को अस्पताल प्रबंधन या सुरक्षा गार्ड नही पकड सके।

सवाल उठा है विधानसभा में भी, पुलिस को करनी होगी गहन जांच

जयारोग्य अस्पताल समूह से ऑक्सीजन सिलेंडर गायब होने का मामला विधानसभा में भी गूंजा है ग्वालियर पूर्व विधानसभा से विधायक सतीश सिकरवार ने इस संबंध में विधानसभा में प्रश्न लगाया है और दोषियों के खिलाफ कडी कार्यवाही की मांग की है। वहीं पुलिस को इस संबंध में गहनता से जांच करनी होगी, क्योंकि जांच के दौरान कोविड के नाम पर कई चीजें दबाई या छिपाई जाने की पूरी संभावना है सिलेंडर कब आर्डर हुए, कितने हुए, किस कंपनी को किए, कंपनी ने कितने दिन बाद दिए, एक साथ या अलग अलग दिए, सिलेंडर किसने रिसीव किए, कितने रिसीव किए, कितने जारी किए, किसको जारी किए, ऐसे कई सवालों की गहरी तफ्तीश इस मामले में बेहद जरूरी है ताकि सच्चाई का पता तो चल सके, हांलाकि अब तक जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को जरूरी दस्तावेज उपलब्ध नही कराए है।

इनका कहना हैः

“ऑक्सीजन सिलेंडर चोरी के मामले में जयारोग्य अस्पताल प्रंबधन से इस मामले में जरूरी दस्तावेज मांगे गए है जो अभी तक उनके द्वारा उपलब्ध नही कराए गए है मामले की बारीकी से जांच करने की जरूरत है उसके लिए सिलेंडरों की उपलब्धता और अन्य जानकारी के लिए दस्तावेज मांगे गए है जिसके बाद जांच तेजी से हो पाएगी।” रामनरेश यादव, टीआई, थाना कंपू

“पुलिस की जांच में पूरा सहयोग किया जा रहा है, करीब 15 हजार कागजात की फोटोकॉपी कराई जा रही है जिसमे वक्त लग रहा है, हम खुद चाहते है कि जल्द जल्द मामले की तह तक पहुंचा जा सके, बहुत जल्दी ही पुलिस को कागज उपलब्ध करा दिए जायेंगे।”

डॉ. आशीष माथुर, नोडल ऑफिसर, ऑक्सीजन

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