(भारत बनाम इंडिया) विडंबनाः इंडिया नाम अंग्रेजों ने….सेंट्रल विस्टा राष्ट्रवादियों ने दिया है- डॉ. चतुर्वेदी

“भारत अर्थात् इंडिया जो कि राज्यों का एक संघ होगा।”

भारतीय संविधान भाग १

उपरोक्त वाक्य भारतीय संविधान का प्रथम वाक्य है और हर उस व्यक्ति ने पढ़ा होगा जिसने भारतीय संविधान को शुरुआत भर पढ़ा है। आज जब अवाम इंडिया बनाम भारत की बहस में उलझी है तब ये समझना ज़रूरी है कि पक्ष और विपक्ष के लिए दोनों शब्दों के मायने भले अलग हों परंतु देश के संविधान के लिए दोनों ही शब्द बराबर महत्त्वपूर्ण हैं।

दोनों ही शब्दों का गौरवशाली अतीत है। 2014 के बाद ह्वाट्सऐप और फ़ेसबुक से ज्ञान लेने वाली पीढ़ी जब इण्डियन्स को भारतीय न मानकर अंग्रेजों का ग़ुलाम, अराष्ट्रवादी और यहाँ तक कि अवैध संतान ठहराने पे तुली है तो इन नवसनातनियों को दोनों शब्दों का इतिहास बताना ज़रूरी है।

भारत और इंडिया दोनों ही शब्द अन्ततः सिंधुघाटी सभ्यता और ऋग्वेद से आते हैं।

ऋग्वेद में सिंधु नदी का उल्लेख है। सबसे पहली मानव सभ्यता सिंधु नदी (जो कि आजकल तिब्बत और पाकिस्तान में बहती है) के किनारे जन्मी.. सनातनी मत के अनुसार सबसे पहले ऋग्वेद में राजा भरत का उल्लेख है जो ऋषि विश्वामित्र की पुत्री शकुंतला और दुष्यंत के पुत्र थे और जिनका राज्य सप्तसिन्धु के किनारे था उनके नाम पर देश का नाम भारत वर्ष पड़ा। दूसरा जैन मत है जिसके अनुसार प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ देव के पुत्र भरत के नाम पर देश का नाम भारत पड़ा।

आगे चल के महाभारत में भी भारतवर्ष का उल्लेख है जिसमें कौरव और पांडव दोनों भरतवंशी कहलाये।

इंडिया भी अंततः सिंधु से बना.. फ़ारसी लोग (पर्शियंस) जब भारत आए तो उन्होंने सिंधुघाटी के नीचे बसे लोगों को “हिन्दू” कहना शुरू किया क्योंकि वो “स” को “ह” बोलते थे.. अतः ये सिंधुनदी से हिन्दनदी/हिन्ददेश और अंततः हिन्दू:स्थान (हिंदुस्तान) कहलाने लगा। इसके बाद ग्रीक आये वो भी “स” नहीं बोल पाने के कारण सिंधु को “इन्दु” या सिंधुघाटी को #इंडस_वैली” कहने लगे।

अंग्रेजों के उद्भव ईसा से 300 वर्ष पूर्व (आज से लगभग 2300 वर्ष पूर्व) जब मेसपोटामिया के राजा एलेक्जेंडर उर्फ़ सिकंदर ने भारत पर आक्रमण किया तो उसने सिंधुघाटी अर्थात् “इंडस” के आगे के हिस्से को इंडिया कहा। यूनानी दार्शनिक मेगस्थनीज़ ने एक किताब लिखी थी #इंडिका उससे इंडिया शब्द यूरोप में प्रचलित हुआ लेकिन इसका जो मूल है वो है सिंधु जो की वेदों से आता है। (ये आचार्य चाणक्य और चन्द्रगुप्त का कालखंड था। इसी सिकंदर या एलेक्जेंडर की पुत्री का विवाह चंद्रगुप्त से हुआ था।)

हिंदुस्तान शब्द का ज़्यादातर प्रयोग मुग़लों ने किया। हिंदुस्तान उस समय भारत का आधिकारिकारिक नाम था। अंग्रेज

भी चूँकि हिन्दी उर्दू के उच्चारण दोष से ग्रसित थे अतः उन्होंने इंडिया शब्द को अधिकांश प्रचलन में रखा। भारतवर्ष शब्द सबसे पहले उड़ीसा के हाथीगुम्फा के शिलालेख से मिलता है। जबकि इंडिया शब्द सबसे पहले Hnd-wꜣ-y “इंडिया” डेरियस की मूर्ति पर मिस्र के चित्रलिपि में लिखा गया है , लगभग 500 ईसा पूर्व। (दोनों चित्र संलग्न हैं)

अब आते हैं मुद्दे की बात पर कि स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया का नारा देने वालों को अचानक ऐसा क्या हुआ कि इंडिया शब्द से ही नफरत हो गई? तो जनाब चुनाव सर पर है। विपक्ष ने जब से अपना नाम INDIA रखा है तब से सारा विवाद है।

जनता मणिपुर, महंगाई, भ्रष्टाचार को भूलकर नई बहस में लगी है। पं नेहरु दूरदर्शी थे, उन्होंने पहले ही भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड BHEL और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड BEL की स्थापना कर दी थी।

अंत में.. टैक्स पेयर्स याद रखें कि देश को इंडिया से भारत करने में 1000 करोड़ से ज़्यादा का खर्च हो जाएगा। उस पर भी विडंबना ये है कि INDIA नाम अंग्रेजों ने दिया था और CENTRAL VISTA नाम राष्ट्रवादियों ने दिया है।

है ना?

जयहिंद🫡

आलेख डॉ.गिरीश चतुर्वेदी, नेत्र रोग विशेषज्ञ, शिवपुरी मप्र द्वारा लिखा गया है। डॉ. चतुर्वेदी सम सामयिक विषयों के साथ ही सामाजिक-राजनैतिक तानेबाने पर भी अपने विचारों को लेखन के द्वारा समय समय पर प्रस्तुत करते रहे है।

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