
ग्वालियर30दिसंबर2023।जिन टैक्सपेयर्स ने वित्त वर्ष 2022-23 और असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए 31 जुलाई 2023 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उनके लिए 31 दिसंबर की तारीख बहुत अहम है. लेट फीस के साथ आईटीआर फाइल करने का आपके पास आखिरी मौका है. लेट फीस के साथ आईटीआर फाइल करने के अलावा आपके मूल आईटीआर में किसी तरह की गलती हो गई है तो उसे सुधारने का भी यह आखिरी मौका है. रिवाइज्ड आईटीआर को इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत फाइल किया जा सकता है.
लेट फीस के साथ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना मूल आईटीआर फाइल करने जैसा ही है, इसमें आपको केवल जुर्माने के तौर पर 1000 से 5000 रुपये तक की राशि आपके सालाना इनकम के आधार पर जमा करनी होगी| हालांकि किसी भी प्रकार की हानि का रिटर्न दाखिल करने पर आपको उस हानि को अगले सालों में ले जाने का विकल्प लेट फाइलिंग में प्राप्त नहीं होता है।
इनकम टैक्स के प्रावधानों के मुताबिक 5 लाख रुपये से कम की सालाना इनकम वाले लोगों को लेट आईटीआर फाइल करने पर 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
वहीं 5 लाख रुपये से अधिक सालाना इनकम वाले लोगों को 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
चार्टर्ड एकाउंटेंट पंकज शर्मा का कहना है कि आयकर विभाग की तरफ से रिवाइज्ड आईटीआर भरने पर कोई चार्ज या जुर्माना नहीं लगाया जाता है. हालांकि, अगर रिवाइज्ड आईटीआर भरने पर आप अपनी इनकम में कोई बदलाव करते हुए अतिरिक्त आय दिखाते हैं तो आपको उस पर लगने वाला अतिरिक्त टैक्स चुकाना होगा. वहीं ऐसे मामले में आप पर जुर्माना और बकाया पर ब्याज भी लग सकता है.
वहीं, बिलेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए आपको 5,000 रुपये तक की लेट फीस देनी पड़ सकती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेक्शन 234F के तहत नियम है कि जिन टैक्सपेयर्स ने आईटीआर की लेट फाइलिंग की है, उनपर 5,000 रुपये तक की लेट फीस लगेगी. लेकिन जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है, उनपर अधिकतम लेट फीस 1,000 रुपये लगेगी.