
ग्वालियर।05मार्च2023। ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह में एक बार फिर घमासान मचा हुआ है जयारोग्य अस्पताल समूह में कार्यरत नर्सिंग आफिसर पूनम सरनकर ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर खुद और उनकी पुत्री के लिए इच्छा मृत्यु की मांग की है। इसके पीछे उन्होने जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक डॉ आर.के.एस. धाकड पर आरोप लगाते हुए उनकी प्रताडना को जिम्मेदार ठहराया है।
नर्सिंग आफीसर पूनम सरनकर ने इसकी प्रतिलिपि चिकित्सा शिक्षा मंत्री, पुलिस महानिदेशक, अवर सचिव चिकित्सा शिक्षा, संभागीय आयुक्त ग्वालियर, डीन जीआर मेडीकल कॉलेज और अधीक्षक जयारोग्य अस्पताल समूह को भी भेजी है। पत्र 5 मार्च 2023 को लिखा गया है।
पत्र के माध्यम से पूनम सरनकर ने कहा है कि मुझे 7 माह से वेतन नही मिला है और मुझे प्रताडित करने के उद्देश्य से ही मेरा वेतन नही निकलने दिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य गंभीर आरोप भी पत्र में लगाए गए है।
सीएम को लिखे पत्र में मांग की गई है कि अगर 15 दिन में मुझे न्याय नही मिला, तो इच्छामृत्यु की अनुमति देने की कृपा करें।

इनका कहना है
”मेरी मूल पदस्थापना जयारोग्य अस्पताल में 2009 में हुई है 2013 में इंदौर के एमवाए अस्पताल में प्रतिनियुक्ति पर चली गई थी वहां से पिछले साल दिसंबर में जयारोग्य अस्पताल में जॉइन किया था एमवाए से अपने एकाउंट की डिटेल भी एक माह पहले विधिवत यहां दर्ज करा चुकी हूं लेकिन उसके बाबजूद मेरा वेतन नहीं निकलने दिया जा रहा है। दो माह का वेतन एमवाए अस्पताल में भी बकाया है ग्वालियर से इंदौर और इंदौर से ग्वालियर चक्कर लगा लगाकर परेशान हो गई है और जयारोग्य अस्पताल समूह में मुझे वेतन के लिए जबरन परेशान किया जा रहा है। इतना ही नही यहां के दो सीनियर डॉक्टर जो प्रमुख पदों पर है उनके द्वारा मुझसे गंदे तरीके से संवाद किया जाता है एक डॉक्टर के ड्रायवर ने तो मुझे फोन करके बेहूदा बात भी की और कहा कि सारी समस्याओं का समाधान एक बार में ही हो जाएगा, इन सारी बातों की जानकारी अधीक्षक को मैं दे चुकी है कंपू थाने से लेकर अजाक्स थाने और महिला आयोग में भी मैनें इसकी शिकायत की है। थकहारकर मुझे सीएम को ये पत्र लिखना पडा है।” (पूनम सरनकर, नर्सिंग आफीसर, जयारोग्य अस्पताल समूह)
”इन नर्सिंग आफीसर के वेतन का इश्यू एमवाए अस्पताल में अटका है वहां के लिए भी मैनें पत्राचार किया है आज भी पत्र लिखा है जेएएच से वेतन के संबंध में जहां तक सवाल है तो इनकी एलपीसी ठीक नही है मैनें इनसे एलपीसी ठीक कराने के लिए भी कई बार कहा है और इनका एकाउंट डिटेल भी अब तक नही था जो कल ही मुझे वाट्सएप पर मिला है। इस संबंध में जो भी विधिवत कार्यवाही होती है वो की जा रही है मेरी कोशिश की है कि नियमों के साथ ही मानवीय आधार पर जल्द से जल्द इनका वेतन रिलीज हो जाए, जहां तक अन्य आरोपों की बात है तो इस संबंध में मैं कोई टिप्पणी करना उचित नही समझता, क्योंकि यहां एक ग्रुप काम कर रहा है जो मेरी व्यक्तिगत छवि खराब करने के साथ ही अस्पताल समूह की छवि भी खराब करना चाहता है ये आरोप भी मुझे उसी का एक हिस्सा लगते है। (डॉ आर.के.एस. धाकड, अधीक्षक, जयारोग्य अस्पताल समूह)
इस पूरे मामले को लेकर इंडिया टुडे एमपी ने जीआर मेडीकल कॉलेज के डीन डॉ. अक्षय निगम से फोन पर बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे संपर्क नही हो सका।