जनकगंज थाने के सामने सुबह के ट्रॉफिक जाम में उलझा जनजीवन: फलमंडी बनी बड़ी समस्या, न पुलिस सक्रिय न नगर प्रशासन गंभीर

ग्वालियर01जुलाई2025।शहर में यातायात व्यवस्था की बदहाली एक बार फिर प्रशासन की निष्क्रियता की पोल खोल रही है। जनकगंज थाने के ठीक सामने स्थित अस्थायी फलमंडी सालों से आमजन के लिए मुसीबत का सबब बन गई है। क्योंकि फल मंडी के कारोबारी पूरी सडक घेरकर काराबोर करते हैं उनके वाहनों को लोडिंग और अनलोडिंग भी बीच सडक पर ही होती है। इस इलाके में सुबह के वक्त भारी ट्रॉफिक जाम लगा रहता है, जिससे राहगीरों, दुकानदारों और स्कूली वाहनों, पार्क और ग्राउंड जाने वालों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

फल विक्रेताओं द्वारा अतिक्रमण कर सड़क के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया गया है, जिससे दोनों ओर की आवाजाही बाधित हो गई है। सबसे हैरानी की बात यह है कि यह अव्यवस्था जनकगंज थाने के बिल्कुल सामने हो रही है, लेकिन न तो पुलिस कोई सख्ती दिखा रही है, न ही नगर निगम का अमला इसे हटाने में रुचि ले रहा है।

स्थानीय नागरिक बताते हैं, “सुबह के समय लोग यहां जाम में फंसे रहते हैं। पैदल चलने वालों को भी रास्ता नहीं मिलता, स्कूली वाहन फंस जाते हैं पार्क में जाने वाले बुजुर्ग और महिलाओं की परेशानी की सामना करना पडता है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है।”

थाने के सामने घंटों तक ट्रैफिक ठप रहना यह सवाल उठाता है कि क्या पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है? कुछ राहगीरों का कहना है कि पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने रहते हैं, जबकि कुछ यह मानते हैं कि स्थायी समाधान के लिए प्रशासन को ही वैकल्पिक स्थान पर मंडी स्थानांतरित करनी होगी।

जनहित में सवाल:

  • थाने के सामने जब यह हाल है, तो बाकी इलाकों की क्या स्थिति होगी?
  • क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना का इंतज़ार कर रहा है?
  • क्या फलमंडी को नियोजित स्थान पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता?

शहरवासियों की मांग है कि इस मंडी को किसी बड़े मैदान या नियोजित बाजार स्थल पर स्थानांतरित किया जाए, जिससे न केवल जाम से राहत मिलेगी, बल्कि व्यवसाय भी सुचारु रूप से चल सकेगा।

अब देखना यह है कि पुलिस प्रशासन कब जागता है और कब इस रोज़मर्रा की समस्या से जनता को राहत मिलती है।

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