मंत्री और विधायक जी….नालियां साफ करने से फुर्सत मिले तो अपने मूल काम भी देखिए..जनता परेशान है!

(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)

ग्वालियर18अक्टूबर2022। इसे ग्वालियर की दुर्भाग्य ही कहिए कि जहां मंत्री और विधायक अपने मूल काम छोडकर सार्वजनिक रूप से मीडिया को बुलाकर नालियां साफ करते है स़डकों पर झाडू लगाते है वो ग्वालियर सफाई के मामले में फिसड्डी साबित होता है, वहीं ये मंत्री और विधायक सफाई करने के नाम पर अपने फोटो मीडिया में छपवाकर सुर्खियां बटोर लेते है। लेकिन जिसके जिम्मे जो काम है वो उसे छोडकर कुछ और ही करने में लगा हुआ है उपनगर ग्वालियर से विधायक और प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर और कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ऐसे ही दो जनप्रतिनिधि है जिसमें से विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी तो अब ग्वालियर की महापौर भी है।

पहले बात करते है उपनगर ग्वालियर से विधायक और प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर की.. प्रधुम्न सिंह अब बीजेपी सरकार में उर्जा मंत्री है इससे पहले वो कांग्रेस सरकार में खाध एंव आपूर्ति मंत्री रहे चुके है प्रधुम्न सिंह अपने विभागों में नवाचार करने, नई योजना या उपलब्धि देने, अपने गृहनगर को नई सौगात देने से ज्यादा नालियां साफ करके, सडकों पर झाडू लगाकर चर्चा में बने रहने चाहते है वो इसका कोई मौका नही छोडते, मीडिया को बुलाकर कैमरों की मौजूदगी में प्रधुम्न सिंह तोमर का सफाई प्रेम देखते ही बनता है सफाई रखने में कोई बुराई भी नही है

लेकिन सवाल ये है सीएम, मंत्री, आईएएस,आईपीएस का काम व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग का होता है सुपरविजन का होता है खुद ही व्यवस्थाओं को हाथ में लेने का काम शायद इनका नही है वो काम जिसकी जिम्मेदारी में है उसे ही करना होता है सांकेतिक रूप से सफाई करने का संदेश देना और लगातार सारे काम छोडकर सफाई की आड. बनाए रखना भी अपनी जबाबदेही से मुंह चुराने जैसी स्थिति ही है।

उर्जा मंत्री के नाते प्रधुम्न सिंह के खाते में कोई बडी उपलब्धि नजर नही आती, न ही वो कभी पत्रकारों से अपने विभाग के संबंध में चर्चा करते है। उनके अपने क्षेत्र में बिजली की खुलेआम चोरी हो रही है आंकलित खपत के बिल आज भी जारी हो रहे है नए मीटर कनेक्शन लेने के लिए जनता परेशान है बिजली की दर बढने के बाद भी आज भी सुविधाएं के नाम पर पुराना ढर्रा चला आ रहा है जरा सी आँधी बारिश में लाईट चली जाए, तो घंटों फाल्ट ढूंढने में ही लग जाते है स्काडा सिस्टम आज तक भी काम नही कर पा रहा है मीटरों की कमी लगातार बनी हुई है अघोषित कटौती तो एक मुद्दा है ही…..लेकिन यहां ध्यान देने के बजाए नाली सफाई और सडकों पर झाडू लगाने से ही जनता रीझ रही है तो इधर उधर ध्यान लगाने की जरूरत मंत्री जी भी नही समझते है फिर इसके अलावा ठेकेदार के हाथ जोडने, अधिकारियों को माला पहनाने और अपने आलाकमानों के सामने साष्टांग ढोक लगाने से भी सुर्खियां मिल ही रही है

विधायक सतीश सिकरवार भी मंत्री प्रधुम्न सिंह के नक्शे कदम पर चल पडे है विधायक सिकरवार विपक्ष के विधायक है उनके पास फिलहाल ज्यादा काम नही है तो वो भी लगातार नालियों की सफाई और सडकों पर झाडू लगाकर ही फोटो खिंचवा रहे है वो भी तब जब शहर की नगर सरकार की मुखिया महापौर उनकी पत्नी शोभा सिकरवार है अब सवाल ये है नगर सरकार के पास इस काम को करने के लिए विशाल अमला मौजूद है तो फिर महापौर और विधायक केवल मॉनिटरिंग कर अपनी उर्जा दूसरे जनहित के कामों में क्यों नही लगाते।

मकसद केवल राजनीति है फिर चाहे वो मंत्री तोमर हों या विधायक सिकरवार, सवाल ये भी उठता है कि जिस शहर के विधायक और मंत्री सफाई के प्रति इतनी शिद्दत रखते है वो शहर इस बार स्वच्छ सर्वेक्षण की रैकिंग में 3 पायदान नीचे और क्यों गिर गया। दरअसल वास्तव में काम करना और काम करने का ढोंग करना दोनों में फर्क है

जागिए माननीय महोदयों, कुछ ऐसा कीजिए जिससे शहर की सूरत और सीरत बदले…केवल आपके ही नालियां साफ करने की छपास वाली मेहनत से कुछ नही होगा, कुछ ठोस कीजिए, नई प्लानिंग कीजिए, जो पहले हो चुकी है उन्हे अमली जामा पहनाने के लिए मेहनत कीजिए, वैसे भी ग्वालियर में किस्मत में जो लिखा है वो तो ये शहर भोग ही रहा है लेकिन अगर आप आज सक्षम है तो उन अधिकारों को उपयोग कीजिए…..केवल नाली का सफाई और सडकों की झाडू में उसे .जाया मत कीजिए।

शहर की जर्जर सडके, पेयजल, कानून-ट्रॉफिक व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, गरीबी रेखा, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, जैसी तमाम अन्य समस्याओं से जनता परेशान है। कभी कभी इन पर अगर माननीय ध्यान दे दिया जाए, तो आपका उपकार जनता शायद चुनावों में भी न भूले।

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