ग्वालियर28सितंबर2022। ग्वालियर की महापौर डा. शोभा सिकरवार आज बेहद आक्रामक मूड में नजर आईं। वह भाजपा नेता और बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल के आरोप से बेहद तिलमिलाई हुई है। उन्होंने आज स्पष्ट रूप से कहा कि 57 वर्ष से ग्वालियर की महापौरी, सभापति व थोक में पार्षद लाने वाली भाजपा के नेता बौरा गये है, वह मेरे 2 माह के कार्यकाल की बराबरी कर रहे है।
ज्ञांतव्य है कि भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल ने कल ग्वालियर की सड़कों की खस्ताहाल हालत को लेकर आरोप लगाया था कि महापौर इसको ठीक कराये अन्यथा मैं उनके घर पर धरना दूंगा। मुन्नालाल के इस बयान पर कांग्रेस और कांग्रेस की महापौर डा. शोभा सिकरवार बेहद आक्रामक तेवर में है। आज डा. शोभा सिकरवार ने कहा कि मुन्नालाल गोयल अपने गिरेबां में झांके। वह भूल गये कि 57 वर्षों में उनकी ही नगर सरकार और महापौर रहे हैं, वह जो काम 57 वर्षों में नहीं कर सकें अब मेरे मात्र 2 माह के कार्यकाल में अपेक्षा कर रहे हैं। जबकि राज्य सरकार व निगम में आपके अफसर ही बैठे हैं।
मुझे कमजोर न समझे मुन्नालाल
महापौर डा. शोभा सिकरवार ने स्पष्ट कहा कि मैं महिला हूं तो मुझे कमजोर समझने की मुन्नालाल भूल न करें। यदि आप मेरे घर धरना दोगे तो मैं जयविलास पैलेस पर धरना दूंगी और धरने में इतनी भीड़ आयेगी जितनी मुन्नालाल जी आपने सोची भी नहीं होगी। डा. शोभा सिकरवार ने कहा मुझे जनता ने पांच वर्ष के लिये चुना है और मैं जनता की आवाज हूं। जनता भाजपा और उसके नेताओं की कथनी करनी भी समझती है।
मुख्यमंत्री जी पैसा वापस ले गये
महापौर डा. शोभा सिकरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उपचुनाव में जो 17 करोड़ रूपये की घोषणायें कर भूमिपूजन भी किये थे, वह पैसा ही वापस मुख्यमंत्री ने भोपाल मंगा लिया है जिससे विकास कार्य भी प्रभावित होकर रूके पड़े हुये हैं। डा. सिकरवार ने कहा कि आपमें यदि ग्वालियर के लिये जरा सी भावना भी होती तो यह पैसा वापस नहीं मांगते।
स्ट्रीट लाइट डिस्को लाइट बनी
महापौर डा. शोभा सिकरवार ने कहा कि भाजपा के राज में स्ट्रीट लाइट का घोटाला भी लोगों की निगाह में है। स्मार्ट सिटी ने अच्छी भली स्टेडियम लाइटें मोटे कमीशन के लालच में निकलवाकर घटिया एलईडी लाइटें लगवा ली है, जो रोज सैंकड़ों की संख्या में खराब हो रही है और नगर निगम पर बिजली का बिल खर्च भी पहले जैसा आ रहा है।
अमृत योजना में भी भ्रष्टाचार
महापौर डा. शोभा सिकरवार ने कहा कि अमृत योजना भी भ्रष्टाचार का पिटारा है। शहर की खुदी सड़कें, बड़े बड़े गडढे, खुले चेंबर अमृत योजना की पोल खोलते हैं। वहीं निगम के अधिकारियों को यह भ्रष्टाचार नहीं दिख रहा वह तो गरीबों के ठेले, फुटपाथी गरीब दुकानदारों को बेदखल करने पर आमादा हैं। लेकिन मैं अब यह सब नहीं होने दूंगी।