ग्वालियर23मार्च2023। मध्यप्रदेश के विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह ने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा युवाओं के लिए जारी की गई नीति और आठ हजार रूपये दिए जाने की घोषणा को छलावा बताया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह की २० सालों की सरकार में युवाओं की दुर्गति हुई है। इसका सबसे बडा उदाहरण व्यापम है।
डॉ. गोविंद सिंह ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि शिवराज सिंह चौहान आज अपनी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने का जश्र मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह स्वयं एवं प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री से पूछना चाहती है कि वह किस बात का जश्र मना रहे हैं। एनसीआरबी के आंकडों के अनुसार सबसे ज्यादा राज्य में बेरोजगारों , किसानों ने आत्महत्या की। शासकीय आंकडों के अनुसार तीन साल में मात्र २१ युवाओं को रोजगार मिला ऐसे रोजगार कार्यालय से प्राप्त आंकडे हैं।
डॉ. गोविंद सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार का विज्ञापन देकर नौजवानों से फार्म भरवाने की फीस के नाम पर पैसा लेकर ठग रही है। सरकार बेरोजगारों को रोजगार तक नहीं दे पा रही है। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की नाव डूबने जा रही है तो उन्हें युवा याद आ रहे हैं और उन्हें आठ हजार रूपये देने की घोषणा कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुये कहा कि शिवराज सिंह सरकार ने २०२१-२१ और २०२२-२३ में विकास एवं बेरोजगारों के लिए तय किया बजट में से ३३ प्रतिशत बजट रिलीज ही नहीं किया। ऐसा कर सरकार जनता को गुमराह कर रही है।
डॉ. गोविंद सिंह ने लाडली बहना योजना पर कहा कि प्रदेश में महिलाओं युवतियों पर अत्याचार , दुष्कर्म की घटनाएं बढ रही है और सरकार एक हजार रूपये बहना योजना के नाम पर दे रही है। इससे अच्छा सरकार को महिलाओं और युवतियों की सुरक्षा करना चाहिए। वह खौफ पैदा करने की बात कर रहे हैं, तो महिलाओं युवतियों पर अत्याचार क्यों हो रहे हैं। हाल ही में सात साल् की बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना घटी।
प्राकृतिक आपदा ओला वृष्टि को लेकर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सर्वे की बात कर रहे हैं वास्तविकता यह है कि तहसीलदारों की हडताल बीती रात समाप्त हुई है और अभी सर्वे शुरू ही नहीं हुआ है। विकास यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि विकास यात्रा के नाम पर सरकार ने करोडों रूपये फूंक दिये। सीएम राइज स्कूलों में तीन माह पूरे होने के बाद भी ड्रेस तक बच्चों को नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में प्रजातंत्र खतरे हैं। विधानसभा में किताब ऊपर फेंकने के पूछे एक प्रश्र के उत्तर में डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मैने कभी नहीं कहा कि गृहमंत्री ने मेरी तरफ किताब को फेंका। हमने तो विधानसभा में चर्चा के लिए दबाब बना रहे थे तभी किताब उछलकर मेरी टेबल के नीचे आकर गिरी। हमने उसमें विशेषाधिकार हनन का मामला लगा रखा है जो विचााराधीन है।
पत्रकार वार्ता मेंं शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता द्वय आरपी सिंह , अजीत सिंह , संभागीय प्रवक्ता धर्मेन्द्र शर्मा भी मौजूद थे।