
ग्वालियर02दिसंबर2024। साइबर ठगों ने एक डॉक्टर को 29 घंटे डिजीटल अरेस्ट कर 21 लाख रुपए की चपत लगा दी। घटना गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर की है। 29 घंटे में ठगों ने डॉक्टर को किसी से बात तक नहीं करने दी और घर के सभी नंबर स्विच ऑफ करा दिए। वारदात का खुलासा तब हुआ जब रुपए ठगने के बाद भी ठग मैसेज कर रहे थे तो परेशान डॉक्टर ने अपने परिचितों से घटना की जानकारी दी तो उन्होंने पुलिस से शिकायत करने के लिए कहा। मामला समझ में आते ही पीडि़त थाने पहुंचा और मामले की शिकायत की। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।
गोला का मंदिर थाना क्षेत्र के हनुमान नगर निवासी 63 वर्षीय मुकेश शुक्ला पुत्र केके शुक्ला डॉक्टर है और 29 नवंबर की सुबह उनके मोबाइल पर एक कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनसे बातचीत करते हुए बताया कि वह आईटी कंपनी से बोल रह है और उनके नाम पर चल रही महालक्ष्मी ट्रांस्पोटेशन कंपनी पर 9 लाख 40 हजार 44 रुपए की रिकवरी निकली है। जब उन्होंने महालक्ष्मी ट्रांस्पोटेशन कंपनी उनकी ना होने की कहा तो कॉल करने वाले ने बताया कि वह ठगों के चंगुल में फंस गए है और इसके लिए उन्हें पुलिस मुख्यालय दिल्ली में दो घंटे में शिकायत करनी होगी, नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो जाएगी और उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इस पर वह घबरा गए और दो घंटे में दिल्ली पहुंचने में असमर्थता जताई तो कॉल करने वाले ने उन्हें ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने केा कहा और परेशानी होने पर उसकी मदद का आश्वासन दिया। इसके बाद उसने दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अजय शर्मा का मोबाइल नंबर दिया और स्वयं भी कॉल करने की बात कही।
मनी लॉडिं्रग में मामला दर्ज होने की दी जानकारी
जब उन्होंने अजय शर्मा नामक युवक से कॉल लगाकर बातचीत की तो अजय शर्मा ने उनके दस्तावेज मांगे और बताया कि उनके आधार कार्ड पर मनी लाड्रिंग का मामला दर्ज है। कुछ दिन पहले मनीष चौधरी के यहां पर सीबीआई रेड हुई थी, उसके यहां से उनका कार्ड मिला है, जिस पर करोड़ो रुपए का लेनदेन किया गया है। इसके बाद उन्होंने उसका फोटो लगा गोल्डन कार्ड दिखाया, जिसे देखने के बाद उनके पैरों तले जमीन निकल गई, क्योंकि कार्ड पर उनका नाम और फोटो लगा हुआ था।
29 घंटे रखा निगरानी में
इसके बाद अजय शर्मा ने उन्हें मजिस्ट्रेट के यहां से जारी हुआ वारंट दिखाया, जिसमें उसका फोटो और नाम से गिरफ्तारी वारंट था। इसके बाद उन्हें उन्होंने उसे निगरानी में होने की कही और इसके बाद उनके घर के सभी मोबाइल नंबर स्विच ऑफ करा दिए। बाथरूम तक जाने में उन्हें निगरानी में रखा गया। इसके बाद अगले दिन उनसे 21 लाख रुपए आरटीजीएस करा लिए। साथ ही हिदायत दी कि वह उनकी निगरानी में रहेगे। सीबीआई की एक टीम उनकी निगरानी में तैनात है, इस मामले में किसी से कोई चर्चा नहीं करे, चर्चा करने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
परिचितों को दी घटना की जानकारी तब हुआ खुलासा
परेशान डॉक्टर ने अपने मिलने वालों से निगरानी में होने की बात बताई तो परिचित को शंका हुई और उन्होंने पुलिस से शिकायत करने को बताया। हिम्मत कर डॉक्टर साइबर सेल पहुंचे और शिकायत की। मामला समझते ही पुलिस अफसरों की समझ में आ गया कि वह ठगी के शिकार हुए है और इसका पता चलते ही उनकी शिकायत पर अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।