तानसेन समारोह विशेष
*पाँच दिनों तक सुरों की बारिश से सराबोर रहेगा ग्वालियर*
*भारतीय शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव “तानसेन समारोह” 26 दिसम्बर से*
*प्रख्यात संतूर वादक पं. सतीश व्यास होंगे राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से विभूषित*
*भोपाल की अभिनव कला परिषद को मिलेगा राजा मानसिंह तोमर सम्मान*
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “राष्ट्रीय तानसेन समारोह” संगीत की नगरी ग्वालियर में 26 दिसम्बर से शुरू होकर 30 दिसम्बर तक आयोजित होगा। राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण एवं शुभारंभ समारोह 26 दिसम्बर को अपरान्ह 4 बजे हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर आयोजित होगा।
इस साल के राष्ट्रीय तानसेन अलंकरण से सुविख्यात संतूर वादक पं. सतीश व्यास को विभूषित किया जायेगा। संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहीं संस्थाओं को दिया जाने वाला राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान अभिनव कला परिषद संस्था भोपाल को प्रदान किया जायेगा।
तानसेन समारोह के शुभारंभ कार्यक्रम में प्रदेश की संस्कृति मंत्री सुश्री उषा ठाकुर, ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री भारत सिंह कुशवाह, सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगणों को बतौर विशिष्ट अतिथि आमंत्रित किया गया है।
राज्य शासन के संस्कृति विभाग के अंतर्गत उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी द्वारा तानसेन समारोह का आयोजन किया जाता है।
इस बार के समारोह में कुल 8 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं एवं आखिरी सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। तानसेन समारोह की प्रात:कालीन संगीत सभाएं प्रात: 10 बजे और सायंकालीन सभाएं अपरान्ह 4 बजे शुरू होंगीं।
*इस बार भी विश्व संगीत होगा आकर्षण का केन्द्र*
*26 दिसंबर को प्रातः 10 बजे से पारंपरिक समरसता के प्रतीक हरिकथा व मीलाद गायन से होगा शुभारंभ*