ग्वालियर29 अगस्त2025।मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ग्वालियर रोपवे परियोजना को लेकर भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि पर्यटन विकास के नाम पर भाजपा ने ग्वालियर-चंबल की जनता के साथ चार दशक तक छलावा किया है। 1983 से अब तक जनता को केवल शिलान्यास, घोषणाएँ और खोखले वादे ही मिले हैं, जबकि जमीन पर काम शून्य है।
धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि 40 वर्षों का इंतज़ार सिर्फ राजनीतिक खींचतान और निजी हितों की बलि चढ़ा। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ज्योतिरादित्य सिंधिया और विवेक शेजवलकर के बीच मतभेदों के चलते यह परियोजना बार-बार ठप होती रही। सिंधिया स्कूल की आपत्ति और जमीन विवाद ने रोपवे के सपने को पूरी तरह अधर में डाल दिया।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने निजी संस्थानों के हितों को प्राथमिकता दी और जनता की ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ किया। पुरानी ठेकेदार कंपनी दामोदर रोपवे द्वारा दायर याचिका और अनुबंध की खामियाँ सरकार की नाकामी को उजागर करती हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2010 में भाजपा महापौर द्वारा भूमि पूजन, 2018 में दामोदर कंपनी से अनुबंध और 2022 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से ₹127 करोड़ की घोषणा— ये सब महज़ दिखावे साबित हुए। अदालत और ठेकेदारों के कानूनी पेच ने परियोजना को फिर से अधर में डाल दिया।
धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि ग्वालियर किले तक पहुँचने में कठिनाई अब भी जस की तस है। वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग पर्यटक आज भी परेशान हैं, जिससे ग्वालियर की पर्यटन छवि को गंभीर नुकसान पहुँचा है।
कांग्रेस की माँग
- भाजपा सरकार ग्वालियर की जनता से माफी मांगे कि 40 वर्षों से पर्यटन विकास के नाम पर छल किया गया।
- रोपवे परियोजना को तत्काल शुरू कर स्पष्ट समयसीमा तय की जाए और इसे पूरा किया जाए।
- निजी हितों के आगे जनता की परियोजनाओं को बलि चढ़ाने की राजनीति बंद की जाए।
धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार का असली चेहरा जनता देख चुकी है। रोपवे परियोजना भाजपा की नाकामी और भ्रष्टाचार की जीवित मिसाल है। नेताओं की आपसी खींचतान और निजी संस्थानों की पैरवी ने जनता की उम्मीदों को कुचल दिया है।