ग्वालियर23अगस्त2025। ग्वालियर पुलिस ने साइबर अपराधों को रोकने के लिए एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाया है। इसी कड़ी में, झांसी रोड पुलिस ने पोद्दार इंटरनेशनल स्कूल में छात्रों और स्टाफ को साइबर सुरक्षा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम में, उप-निरीक्षक आशीष शर्मा ने बच्चों को सोशल मीडिया के सुरक्षित इस्तेमाल के तरीके बताए। उन्होंने समझाया कि अपने अकाउंट को प्राइवेट रखना और टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करना कितना जरूरी है। इसके अलावा, उन्होंने बिना जांच-पड़ताल के अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करने की सलाह दी।
पुलिस ने छात्रों को ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे नए स्कैम से भी आगाह किया और ऑनलाइन गेमिंग की लत से होने वाले नुकसानों के बारे में बताया। उन्होंने ऑनलाइन शॉपिंग और इंटरनेट पर सही वेबसाइट लिंक की पहचान करने के तरीके भी सिखाए।
झांसी रोड पुलिस की सूझबूझ से बची बड़ी धोखाधड़ी
ग्वालियर पुलिस की सतर्कता से एक व्यक्ति बड़ी ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने से बच गया। ट्रांसपोर्टर प्रहलाद सिंह चौहान ने अपनी गाड़ी को ट्रैक करने के लिए गूगल पर आईसर कंपनी का हेल्पलाइन नंबर खोजा। इसके बाद, उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें ठग ने खुद को कंपनी का कर्मचारी बताया।
ठग ने प्रहलाद को एक संदिग्ध लिंक भेजी और एक ऐप डाउनलोड करने को कहा। जब प्रहलाद ने ऐसा नहीं किया, तो ठग ने उनके बैंक से ₹1.50 लाख कटने के दो फर्जी मैसेज भेज दिए। घबराकर, प्रहलाद तुरंत झांसी रोड पुलिस स्टेशन पहुंचे।
पुलिस ने तत्काल उनके फोन की जांच की और पाया कि यह एक फ्रॉड का प्रयास था। पुलिस ने उनका मोबाइल फॉर्मेट करवाया और दूसरे फोन में उनकी सिम डालकर उनके बैंक अकाउंट की जांच की। जांच में पता चला कि कोई भी पैसा नहीं कटा था।
प्रहलाद सिंह चौहान ने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, जिससे वह एक बड़े नुकसान से बच गए।
पुलिस ने आमजन के लिए ये महत्वपूर्ण संदेश दिए हैं:
- किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च न करें, बल्कि उनकी आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।
- अनजान या संदिग्ध लिंक पर कभी भी क्लिक न करें।
- अपना ओटीपी (OTP) या कोई भी पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें।
- साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करें और नजदीकी थाने में शिकायत करें।
- साइबर सुरक्षा के बारे में अपने दोस्तों और परिवार के साथ बात करें और उन्हें जागरूक करें।