डीन को नहीं मिला नोटिस का जबाब, समिति की जांच का पता नही, भगवान भरोसे कॉलेज की सुरक्षा और गोपनीयता
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर10जनवरी2025।ग्वालियर के जीआर मेडीकल कॉलेज में छंटाई के नाम पर हरे भरे पेड़ दिन दहाडे काट दिए गए, लेकिन 15 दिन बाद भी इस मामले में किसी की जिम्मेदारी तय नही हो सकी है। आलम ये है कि इस मामले में डीन डॉ आरकेएस धाकड़ ने 27 दिसंबर 2024 को एनेस्थिसिया विभाग के सहप्राध्यापक डॉ.शक्ति सिंघल को नोटिस जारी कर पूछा था कि ऐसा पता चला है कि पेड़ों की छंटाई आपके निर्देशन में हुई है लिहाजा लौटती डाक से ही जबाब प्रस्तुत करें, अन्यथा आपके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद बाद भी डॉ सिंघल ने नोटिस का कोई जबाब डीन को नही दिया और न ही उनके खिलाफ डीन ने कोई कार्यवाही की।
उधर इस मामले में डीन ने डॉ. सुधा अयंगर के नेतृत्व मे तीन सदस्यीय समिति गठित की है जो पूरे मामले में जांच करके सच सामने लाएगी। लेकिन अभी तक समिति ने भी किसी तरह की कोई जांच शुरू नही की है। जांच कब तक पूरी होगी, ये भी पता नही है। यानि मेडीकल कॉलेज में अन्य मामलों के तरह बनाई गई ज्यादातर जांच समितियों की तरह इस समिति की जांच भी ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है।
शहर के व्यस्ततम मार्ग पर स्थित जीआर मेडीकल कॉलेज में इलेक्ट्रिक मशीनों के द्वारा बड़े बडे हरे पेड़ छंटाई के नाम पर काटे जाते है कटाई के बाद पेड़ों की लकड़ियां कॉलेज से गाडियों में लोड होकर बाहर निकल जाती है लेकिन किसी को भी कानों कान खबर नहीं हुई, ये बेहद आश्चर्य का विषय तो है ही, वहीं जीआर मेडीकल कॉलेज की सुरक्षा और गोपनीयता पर बड़े सवाल खडे हो जाते है। क्योंकि घँटों तक चली पेड़ों की कटाई के दौरान जीआर मेडीकल कॉलेज के शिक्षक, विधार्थी, स्टाफ, सिक्योरिटी और उससे संबद्ध जयारोग्य अस्पताल समूह का स्टाफ इससे अंजान बना रहा, हांलाकि मामला 25 दिसंबर क्रिसमस की छुट्टी के दिन का बताया जा रहा है तो फिर सवाल ये है कि पेड़ काटने वाले कोई लोग पेड काटने वाले औजार और गाडियां लेकर कॉलेज के अंदर कैसे पहुंच गए और लकडियां लेकर गायब भी हो गए।
निश्चित रूप से इस मामले में कॉलेज से जुड़े लोगों की सहमति और मिलीभगत नजर आती है। बिना उसके ये घटना किसी भी तरह से संभव नही है। 15 दिन बीतने के बाद भी किसी की जिम्मेदारी तय नही होना मामले की लीपापोती जैसा लग रहा है। सूत्रों का कहना है कि लकड़ियां काफी ज्यादा रकम में बेच दी गई है। और अब धीरे धीरे मामले के ठंडा होने का इँतजार किया जा रहा है।
इनका कहना है
पेड़ काटने के मामले की जांच की जा रही है। कॉलेज का एक कर्मचारी धुर्वे उसी दिन से कॉलेज नही आ रहा है। उससे भी पूछताछ की जाएगी। जहां तक मुझे लगता है कि पेड़ काटने की ये घटना सोची समझी साजिश के तहत की गई है क्योंकि उस दिन मैं छुट्टी पर था और एक मीटिंग के लिए दिल्ली था जिन भी लोगों ने ये किया या कराया है वो कॉलेज प्रबंधन की छवि खराब करना चाहते है।
डॉ आरकेएस धाकड़, डीन, जीआर मेडीकल कॉलेज, ग्वालियर
मुझे नोटिस मिला है उसका जबाब मैनें दिया है या नहीं दिया है। आपको नही बता सकता, आप प्रवक्ता से बात कर सकते हैं।
डॉ शक्ति सिँघल, सहप्राध्यापक, जीआर मेडीकल कॉलेज
हरे भरे पेड़ इस तरह से काटना पूरी तरह गलत है नगर निगम सीमा के भीतर इस तरह के पेड़ काटने पर कार्यवाही का प्रावधान है मेडीकल कॉलेज में अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जानकारी प्राप्त करके आगामी कार्यवाही की जाएगी।
कार्तिक पटेल, पार्क अधीक्षक, नगर निगम ग्वालियर