ग्वालियर। प्रदेश में एक सितंबर से शुरू किए गए बीयर बार को तीन माह बाद शासन ने छूट के लिए अादेश जारी किए हैं। शासन द्वारा जारी अादेश की भाषा स्पष्ट न होने के कारण विभाग ने फिर अभी बीयर बार को छूट नहीं दी है। विभाग ने शासन को पत्र लिखकर छूट के संबंध में स्पष्ट राय मांगी है कि छूट पर्यटन क्षेत्र के लिए है या फिर सभी बीयर बार के लिए। विभाग के पत्र पर शासन की अौर से अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है।
राज्य शासन के वाणिज्यक कर विभाग के उप सचिव रत्नाकर झा ने जारी अादेश में पर्यटन व सत्कार क्षेत्र को राहत देने के लिए सभी श्रेणी के बीयर बार को 1 अप्रैल से 31 अगस्त के दौरान बार की लाइसेंस फीस में छूट दिए जाने के अादेश जारी किए हैं। अादेश में पर्यटन व सत्कार क्षेत्र का उल्लेख होने के कारण अाबकारी विभाग के अफसर असमंजस में पड़ गए हैं। अादेश पर्यटन क्षेत्र के लिए ही है या फिर प्रदेश के सभी बीयर बार को छूट दिया जाना है। इस अादेश के बाद विभाग ने छूट का अादेश जारी न कर शासन को स्पष्ट राय दिए जाने के लिए पत्र लिखा है। शासन को लिखे पत्र का फिलहाल कोई जबाव नहीं अाया है।
तीन माह बाद अाया अादेश वह भी अस्पष्ट
1 सितंबर से बीयर बार शुरू किए जाने के अादेश के बाद ही बीयर बार संचालकों ने शासन को लॉकडाउन अवधि के 5 माह की फीस की छूट दिए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया था। इस पर राहत देने का अाश्वासन दिया गया था। छूट न दिए जाने के कारण सितंबर माह में तो लगभग 40 फीसदी बार संचालकों ने ही लाइसेंस नवीनीकरण कराया था। लॉकडाउन अवधि की फीस जमा कराए जाने के कारण ही प्रदेश में अब तक 317 बीयर बार में से 89 ने तीन माह बाद भी नवीनीकरण नहीं कराया है। लाइसेंस फीस में छूट यदि शुरू में ही दे दी जाती तो अब तक सभी बार शुरू हो सकते थे। सभी बार शुरू ने होने से शासन को 41 करोड़ लाइसेंस फीस में से अब तक लगभग 11 करोड़ का नुकसान हो चुका है।