
(जितेंद्र पाठक, ग्वालियर)
ग्वालियर20जनवरी2025।आखिरकार बड़ी मशक्कत के बाद जयप्रकाश राजौरिया ग्वालियर भाजपा जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठ ही गए हैं। लेकिन जिन समीकरणों के हिसाब से राजौरिया जिला सदर बने हैं उसमें उनके लिए कड़ी परीक्षा अब शुरू होगी। क्योंकि अब कार्यकारिणी गठन से लेकर ग्वालियर के बड़े भाजपा नेताओँ के साथ तालमेल बिठाना राजौरिया के लिए टेड़ी खीर साबित हो सकता है।
ग्वालियर भाजपा जिलाध्यक्ष को लेकर लंबे समय से रस्साकशी चल रही थी जिसमें नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयभान सिंह पवैया, खेमे से अलग अलग नामों की चर्चा चल रही थी लेकिन भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा राजौरिया के नाम पर अड़ गए, और आलाकमान ने भी उनके नाम को हरी झंडी दे दी। चर्चा है कि राजौरिया के अध्यक्ष बनने के बाद ग्वालियर भाजपा में अंदरूनी तौर पर घमासान मचा हुआ है। कई गुट राजौरिया के अध्यक्ष बनने से नाखुश हैं। हांलाकि राजौरिया का ग्वालियर आगमन पर स्वागत तो गर्मजोशी से हुआ है
अब असली खींचतान राजौरिया की कार्यकारिणी को लेकर भी शुरू होगी, क्योंकि ग्वालियर में सभी बड़े नेताओं को साधना मुश्किल काम है और न साध पाने पर किसी न किसी स्तर पर असहयोग बना रहता है। ऐसे में राजौरिया के सामने भी बड़ी चुनौती है। वीडी शर्मा के वीटो पर राजौरिया जिलाध्यक्षी तो ले आए है लेकिन उसे सफलतापूर्वक चलाने के लिए ग्वालियर के सभी गुटों को संतुष्ट करना राजौरिया की मजबूरी भी है।
हांलाकि सत्ताधारी पार्टी के जिलाध्यक्ष को करने के लिए फिलहाल बहुत ज्यादा कुछ नहीं है लोकसभा, विधानसभा, निकाय चुनाव भी अभी दूर हैं ऐसे में ये माना जा सकता है। कि राजौरिया अपनी पारी ठीक ठीक निकाल सकते हैं। लेकिन ये तभी संभव है जब वो अपने खिलाफ अंदरूनी विरोध या नाराजगी को धीरे धीरे खत्म करने का रास्ता निकालें।