ग्वालियर 17 नवम्बर 2022/ धान व गेहूँ की कटाई के बाद बचने वाले ठूँठ व डंठल (नरवाई)
को जलाने से रोका जाए। जिससे प्रदूषण व विभिन्न प्रकार की पर्यावरणीय समस्यायें पैदा न
हों। संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के पालन में इस आशय के निर्देश ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिला कलेक्टर के लिये जारी किए हैं।
उन्होंने निर्देश दिए हैं कि नरवाई जलाने वालों के खिलाफ प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। साथ ही 15 दिवस में पालन प्रतिवेदन भी मांगा है।
संभाग आयुक्त श्री दीपक सिंह ने जिला कलेक्टरों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि
नरवाई जलाने पर छोटे भूमि मालिक जिनकी भूमि का रकबा दो एकड़ से कम है उन्हें
पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2500 रूपए देने होंगे। इसी तरह दो एकड़ से अधिक व पाँच
एकड़ से कम रकबे वाले भूमि मालिकों को पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5 हजार रूपए जमा
करने होंगे। ऐसे भू-मालिक जिनकी भूमि का रकबा पाँच एकड़ से अधिक है यदि उनके द्वारा
नरवाई जलाई जाती है तो उन्हें 15 हजार रूपए प्रति घटना देने होंगे।