
ग्वालियर21अगस्त2023।आयकर विभाग ने रेंट फ्री आवासों के लिए नियम में बदलाव किया है। इस फैसला का असर उन कर्मचारियों पर होगा, जिनकी सैलरी अच्छी है और उन्हें कंपनी या नियोक्ताओं की ओर से रेंट फ्री आवास मिला हुआ है। इन कर्मचारियों को नए नियम का लाभ मिलेगा ।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ऐसे घरों के मूल्यांकन के लिए नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के मुताबिक जहां कर्मंचारियों को नियोक्ता की ओर से अन-फर्निश्ड (बिना सुसज्जित) आवास दिया जाता है, और ऐसे आवास का मालिकाना हक खुद कंपनी के पास है, उस पर्क्स का वैल्यूएशन अब अलग तरीके से होगा।

इस प्रकार होगी केलकुलेशन:-
अभी तक जनसंख्या की गिनती के लिए जहां 2001 की जनगणना को आधार बनाया गया था उसके स्थान पर 2011 की जनगणना को आधार माना जायेगा।
2011 की जनगणना के अनुसार 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में वेतन का 10 प्रतिशत ही अब सैलरी में जोड़ा जाएगा पहले यह 15 प्रतिशत था।
वहीं 15 लाख से अधिक लेकिन 40 लाख से कम आबादी वाले शहरों में वेतन का 7.5 प्रतिशत ही जोड़ा जाएगा जो कि पूर्व में 10 प्रतिशत था।
और 15 लाख तक कि आबादी वाले शहरों में केवल 5 प्रतिशत ही सेलरी में जोड़ा जाएगा जो कि पूर्व में 7.5 प्रतिशत था।
पहले इस प्रकार था नियम:-
पहले यह नियम 2001 की जनगणना के अनुसार 25 लाख से अधिक आबादी के लिए 15 प्रतिशत सेलरी में जोड़ा जाता था,वहीं 10 लाख से 25 लाख की आबादी वाले शहरों के लिए 10 प्रतिशत और 10 लाख तक के आबादी वाले शहरों में 7.5 प्रतिशत रेंट फ्री हाउस के रूप में सेलरी में जोड़ी जाती थी।
इनका कहना है
जो कर्मचारी अच्छा वेतन प्राप्त कर रहे हैं और नियोक्ता से इस प्रकार का बिना सुसज्जित किराया मुक्त आवास प्राप्त किये हुए हैं, वे अब और अधिक बचत कर सकेंगे क्योंकि नई दरों के साथ उनका कर योग्य आधार अब कम होने जा रहा है।क्योंकि अब इन प्रावधानों में 2011 की जनगणना के आंकड़ों को आधार बनाया गया है और इसका उद्देश्य अनुलाभ मूल्य गणना को तर्कसंगत बनाना है।
“किराया-मुक्त आवास का लाभ लेने वाले कर्मियों के कर योग्य वेतन में कमी आएगी, जिससे घर ले जाने वाली टेक होम सैलरी में बढ़ोतरी होगी।
सीए पंकज शर्मा